भारत से डील से पहले Trump ने यूरोपीय यूनियन और मैक्सिको पर फोड़ा टैरिफ बम, लगा दिया 30% शुल्क

Donald Trump: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति Trump एक बार फिर वैश्विक व्यापार नीतियों को लेकर सुर्खियों में हैं। भारत के साथ संभावित व्यापार समझौते की चर्चा के बीच उन्होंने एक बड़ा फैसला लेते हुए यूरोपीय यूनियन (EU) और मैक्सिको से आयातित उत्पादों पर 30% टैरिफ (शुल्क) लगाने की घोषणा कर दी है। इस कदम ने अंतरराष्ट्रीय व्यापार जगत में हलचल मचा दी है और अमेरिका की ‘प्रोटेक्शनिस्ट’ नीति पर एक बार फिर बहस छेड़ दी है।

Trump: अमेरिका की आक्रामक व्यापार नीति

डोनाल्ड ट्रंप ने अपने कार्यकाल में ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति को प्राथमिकता दी थी, और अब एक बार फिर वह उसी राह पर लौटते नजर आ रहे हैं। यूरोपीय यूनियन और मैक्सिको पर यह टैरिफ लगाकर उन्होंने यह संकेत दे दिया है कि अमेरिका अब सस्ते आयात को रोकने और घरेलू उत्पादकों को बढ़ावा देने के लिए सख्त कदम उठाएगा।

यह टैरिफ ऑटोमोबाइल, स्टील, कृषि उत्पादों और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे प्रमुख क्षेत्रों पर लागू होगा। ट्रंप का दावा है कि इससे अमेरिकी नौकरियों की रक्षा होगी और घरेलू मैन्युफैक्चरिंग को मजबूती मिलेगी।

भारत के साथ डील की पृष्ठभूमि

भारत के साथ अमेरिका की व्यापार डील की चर्चा काफी समय से चल रही है। दोनों देशों के बीच व्यापार घाटे, टैरिफ, कृषि उत्पादों, फार्मास्युटिकल्स और डेटा लोकलाइजेशन जैसे मुद्दों पर मतभेद हैं। लेकिन अब जब ट्रंप ने EU और मैक्सिको पर 30% टैरिफ थोप दिया है, तो यह कयास लगाए जा रहे हैं कि भारत से होने वाली संभावित डील में अमेरिका और सख्त रुख अपना सकता है।

ट्रंप प्रशासन यह स्पष्ट कर चुका है कि वह भारत से अपने व्यापार घाटे को कम करने और अमेरिकी कंपनियों को भारतीय बाजार में अधिक पहुंच दिलाने की कोशिश करेगा।

भारत की स्थिति

भारत के लिए यह समय रणनीतिक सोच का है। एक ओर अमेरिका जैसा बड़ा बाजार व्यापार डील की पेशकश कर रहा है, तो दूसरी ओर उसकी सख्त नीतियों और दबाव की राजनीति से निपटना भी एक चुनौती है। भारत को इस स्थिति में अपने हितों की रक्षा करते हुए संतुलित कूटनीति का परिचय देना होगा।