ग्लोबल टैरिफ पर ट्रंप का बयान, बोले- आर्थिक आपातकाल जैसी स्थिति, सुप्रीम कोर्ट में करेंगे अपील

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने वैश्विक टैरिफ (शुल्क व्यवस्था) को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने इसे “आर्थिक आपातकाल” जैसी स्थिति बताते हुए कहा कि अब अमेरिका को इस मुद्दे पर स्पष्ट नीति अपनाने की जरूरत है। ट्रंप का मानना है कि मौजूदा हालात अमेरिका की अर्थव्यवस्था को कमजोर कर सकते हैं और विदेशी देशों को इसका अनुचित फायदा मिल रहा है।

अपील्स कोर्ट के फैसले पर नाराज़गी

दरअसल, हाल ही में अपील्स कोर्ट ने ट्रंप प्रशासन के टैरिफ से जुड़े फैसलों को चुनौती देने वालों के पक्ष में निर्णय दिया था। इस आदेश के बाद अमेरिकी राष्ट्रपति ने नाराज़गी जताते हुए घोषणा की है कि वे इस मामले को सुप्रीम कोर्ट में ले जाएंगे। उन्होंने कहा कि वे शीर्ष अदालत से जल्द सुनवाई की अपील करेंगे ताकि देश की आर्थिक स्थिति को खतरे से बचाया जा सके।

सुप्रीम कोर्ट में अपील की तैयारी

ट्रंप ने साफ चेतावनी दी है कि अगर सुप्रीम कोर्ट में उनकी अपील खारिज कर दी जाती है, तो उनके पास मजबूरी में टैरिफ वापस लेने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचेगा। उन्होंने कहा कि इस कदम से अमेरिकी उद्योगों और अर्थव्यवस्था को बड़ा झटका लग सकता है। ट्रंप के मुताबिक, टैरिफ न केवल अमेरिका की सुरक्षा और आत्मनिर्भरता से जुड़ा मुद्दा है, बल्कि यह विदेशी दबाव को संतुलित करने का भी माध्यम है।

भारत, चीन और ब्राजील पर निशाना

अपने बयान में ट्रंप ने भारत, चीन और ब्राजील का नाम लेते हुए आरोप लगाया कि ये देश टैरिफ व्यवस्था के जरिए अमेरिका को आर्थिक रूप से नुकसान पहुंचा रहे हैं। उनका कहना है कि अमेरिकी बाजार पर इन देशों का दबदबा बढ़ता जा रहा है, जिससे स्थानीय कंपनियों और किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है। उन्होंने दोहराया कि अगर अमेरिका ने कड़ा रुख नहीं अपनाया तो भविष्य में यह समस्या और गहरी हो सकती है।

आर्थिक नीतियों को लेकर बढ़ी हलचल

ट्रंप का यह बयान अमेरिकी राजनीति और आर्थिक हलकों में चर्चा का विषय बन गया है। जहां एक ओर उनके समर्थक इसे “अमेरिका फर्स्ट” नीति का हिस्सा मान रहे हैं, वहीं आलोचकों का कहना है कि ट्रंप की आक्रामक व्यापार नीतियां वैश्विक बाजार में तनाव और अनिश्चितता को और बढ़ा सकती हैं। अब सबकी निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि सुप्रीम कोर्ट इस अपील पर क्या रुख अपनाता है और इसका अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर क्या असर पड़ता है।