Tulsi Benefits: तुलसी का धार्मिक और स्वास्थ्य संबंधी महत्व दोनों ही अत्यधिक है। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, भगवान विष्णु को अर्पित किए गए भोग में तुलसी का पत्ता अनिवार्य होता है, क्योंकि इसके बिना भगवान विष्णु भोग को स्वीकार नहीं करते। इसके अलावा, तुलसी के पत्तों का सेवन स्वास्थ्य के लिए भी लाभकारी है, जैसे कि यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और कई स्वास्थ्य समस्याओं से राहत प्रदान करता है।
तुलसी में कैंफीन, यूजेनॉल और सिनेओल जैसे यौगिक होते हैं, जो श्वसन तंत्र के वायरल, बैक्टीरियल और फंगल संक्रमण को ठीक करने में सहायक होते हैं। ये यौगिक मिलकर तुलसी को एक प्रभावी प्राकृतिक उपचार बनाते हैं, जो शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और विभिन्न संक्रमणों से लड़ने में मदद करता है।
तुलसी में विटामिन K भी पाया जाता है, जो हड्डियों को मजबूत बनाने में मदद करता है। रोजाना सुबह खाली पेट तुलसी की 4 पत्तियां खाने से मधुमेह, रक्त विकार, वात, पित्त और कैंसर जैसी बीमारियों से बचाव में सहायता हो सकती है। तुलसी के पत्ते में मौजूद पोषक तत्व और यौगिक शारीरिक स्वास्थ्य को संपूर्ण बनाए रखने में सहायक होते हैं।
रोजाना तुलसी के पौधे के पास बैठने से श्वास और अस्थमा जैसी समस्याओं में राहत मिल सकती है। तुलसी का पानी पीने से तनाव कम होता है, मन शांत रहता है, और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, जिससे रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। तुलसी का नियमित सेवन शरीर को ताजगी और स्फूर्ति प्रदान करता है।
तुलसी का पौधा घर में संकट या वास्तु दोष के संकेत के रूप में भी देखा जाता है। अगर पौधा ठीक से देखभाल करने के बावजूद सूखने लगे, तो यह घर में किसी संकट का संकेत हो सकता है। इसके अलावा, घर के अग्नि कोण (दक्षिण-पूर्व) से लेकर वायव्य कोण (उत्तर-पश्चिम) तक तुलसी का पौधा लगाने से वास्तु दोष दूर किया जा सकता है और सकारात्मक ऊर्जा में वृद्धि हो सकती है।
तुलसी में मौजूद एसिटिक एसिड पथरी को तोड़ने में सहायक होता है और यूरिक एसिड के स्तर को नियंत्रित करता है। इसके अलावा, तुलसी त्वचा संबंधी विकारों में भी लाभकारी है और प्राकृतिक माउथ फ्रेशनर के रूप में कार्य करती है। यह मुंह के छालों को ठीक करने में भी मददगार साबित होती है। तुलसी का नियमित सेवन कई स्वास्थ्य समस्याओं को दूर करने में सहायक हो सकता है।