भारत का नया दुश्मन बना तुर्की, पाकिस्तान की चाल में चले तुर्की के हथियार, ऑपरेशन सिंदूर ने उठाया तुर्की के दोगलेपन से पर्दा

8 मई की रात, भारत के लिए एक चेतावनी की घंटी बनकर आई। लेह से लेकर सर क्रीक तक आसमान में मंडराने लगे सैकड़ों ड्रोन – करीब 300 से 400! ये कोई आम निगरानी ड्रोन नहीं थे, बल्कि एक गहरी साजिश का हिस्सा थे। कर्नल सोफिया कुरैशी ने जब ऑपरेशन सिंदूर पर प्रेस कांफ्रेंस की, तो उनके शब्दों में जो दृढ़ता थी, वो बताने के लिए काफी थी कि भारतीय सेना तैयार है – हर हालात के लिए।

ड्रोन की जांच ने भारत को चौंकाया
इन ड्रोन की शुरुआती जांच ने चौंका दिया। ये तुर्की में बने “असिसगार्ड सोंगर” ड्रोन थे – वही ड्रोन जिनका इस्तेमाल तुर्की की सेना 2020 से कर रही है। पाकिस्तान ने इनका इस्तेमाल कर भारत की वायु रक्षा प्रणाली की ताकत और प्रतिक्रिया को परखने की कोशिश की। कर्नल कुरैशी ने बताया, “हमने काइनेटिक और नॉन-काइनेटिक – दोनों तरीकों से जवाब दिया। कई ड्रोन वहीं आसमान में ध्वस्त कर
दिए गए।”

पाकिस्तान की चाल, तुर्की की तकनीक
तुर्की के ड्रोन – जो आमतौर पर सीमित रक्षा कार्यों में उपयोग किए जाते हैं – इस बार युद्ध का चेहरा बनकर आए थे। पाकिस्तान ने इन ड्रोन का उपयोग कर भारत की वायु रक्षा प्रणाली की ताकत को परखने की नापाक कोशिश की। लेकिन पाकिस्तान ये भूल गया कि भारत अब 21वीं सदी की सेना है – डेटा, तकनीक और दमदार जवाब देने वाली।

भारत-तुर्की: दोस्ती या धोखा?
तुर्की और भारत के रिश्ते ऐतिहासिक जरूर रहे हैं, लेकिन तुर्की का पाकिस्तान प्रेम कई बार इन संबंधों पर बर्फ डालता रहा है। कश्मीर मुद्दे पर तुर्की का पक्षपातपूर्ण रवैया भारत को खटकता रहा है। अब, जब तुर्की के ड्रोन पाकिस्तान की चाल में शामिल हुए, तो सवाल उठना लाज़िमी था: क्या तुर्की अब भारत का नया दुश्मन बनता जा रहा है?

भारत-तुर्की रिश्ते: इतिहास से वर्तमान तक
भारत और तुर्की के बीच संबंध ऐतिहासिक रहे हैं, लेकिन तुर्की के पाकिस्तान प्रेम ने कई बार रिश्तों में ठंडक ला दी है। तुर्की ने कश्मीर मुद्दे पर पाकिस्तान का खुलकर समर्थन किया है, हालांकि हाल के वर्षों में वह रुख थोड़ा नरम पड़ा है। दोनों देश G-20 के सदस्य हैं और व्यापारिक संबंधों में बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन जिस तरह से तुर्की ने पाकिस्तान का साथ देकर उसके द्वारा निर्मित ड्रोन का प्रयोग भारत के खिलाफ युद्ध ने किया है उसने यह सिद्ध कर दिया है कि पाकिस्तान की तरह ही अब भारत का एक नया दुश्मन सामने आ गया है जिसका पर्दा भी ऑपरेशन सिंदूर में उठ गया और तुर्की का तकनीकी रूप से पाकिस्तान का साथ देना  दोनो देशों के रिश्तो पर कई सवाल उठा गया।

तुर्की की रणनीति खुलकर सामने आई
ऑपरेशन सिंदूर ने न सिर्फ पाकिस्तान की रणनीति को उजागर किया, बल्कि तुर्की की हरकतों पर से भी पर्दा उठाते हुए यह स्पष्ट कर दिया है कि तुर्की चाहे कितना भी भारत के गले मिल ले लेकिन वह भारत देश का दुश्मन है। यहां भारतीय सेना की तत्परता और ताकत को भी दुनिया के सामने रख दिया। ये सिर्फ एक सैन्य ऑपरेशन नहीं था – ये भारत की संप्रभुता, उसकी ताकत और उसकी सुरक्षा को ठोस जवाब देने वाला मिशन था।