पत्रकार एवं विचारक निधि कुलपति ने कहा है कि टीवी न्यूज़ अपने शिखर से नीचे गिरी है। हमारी संस्कृति है कि हम बीमार की तामीरदारी करते हैं। इस समय टीवी न्यूज़ भी बीमार हो गई है हमें उसकी तामीरदारी करना चाहिए।
वे आज शाम यहां अभ्यास मंडल के द्वारा अभिनव कला समाज में आयोजित व्याख्यान को संबोधित कर रही थीं। अभ्यास मंडल के 67 वें स्थापना दिवस के अवसर पर समकालीन चुनौतियां व मीडिया की भूमिका विषय पर यह व्याख्यान आयोजित किया गया। उन्होंने कहा कि हर कालखंड में चुनौतियां होती है। जब सभी तरफ चुनौतियां होती है तो मीडिया भी उससे अछूता नहीं रहता है।”
रेडियो, समाचार पत्र, टीवी, सोशल मीडिया, एडवरटाइजमेंट इस पूरे क्षेत्र में से में टीवी न्यूज़ से जुड़ी रही हूं। आज जिस तरह के आक्षेप टीवी न्यूज़ पर लग रहे हैं, वह दुखद है। हमारे देश की यह संस्कृति है कि हम बीमार, रोगी व्यक्ति की तामीरदारी करते हैं। यदि हमें हाथ में चोट लगती है तो हम हाथ को नहीं काट देते हैं। हम केवल आरोप लगाकर टीवी न्यूज़ को नहीं छोड़ सकते। पत्रकारिता एक प्रवाह है जो रास्ता बना ही लेती है। मैंने टीवी का स्वर्णिम समय देखा है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 1995 में देश में पहली बार टीवी पर समाचार प्रसारित करने की अनुमति जारी हुई थीं। आज इस समय देश में 400 राष्ट्रीय न्यूज़ चैनल है। एक समय टीवी पर ब्रेकिंग न्यूज़ की स्पर्धा होती थी तो फिर खोजी खबर भी चालू हुई। टीवी ने मुद्दों पर आधारित कार्यक्रम सीएम चलें गांव भी आयोजित किए। अब टीवी न्यूज़ शिखर से नीचे गिरी है। वह 360 डिग्री पर गिरकर बेहाल पड़ी है। आज भी वहां पत्रकारिता करने वाले लोग नजर आएंगे। सभी व्यक्ति एक जैसे नहीं होते है। लोगों का विश्वास टूटा है इसीलिए बहुत से लोग टीवी न्यूज़ को छोड़कर सोशल मीडिया पर चले गए हैं।
कुलपति ने कहा कि टीवी पर सारा खेल टीआरपी का होता है। यदि आप सादी खबर ही दे दोगे तो भी बहुत होगा। उन्होंने सम सामयिक मुद्दों को उठाते हुए कहा कि इस समय पर्वतीय इलाके में प्राकृतिक आपदा का लगातार आना चिंता का विषय है। ऐसे में यह सोचा जाना चाहिए कि आखिर हमसे क्या गलती हुई और वह गलती कहां हुई। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब में स्थिति को बदलने के लिए ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में सामने आई रिपोर्ट में कहा गया है कि देश के तापमान से ज्यादा गति से पर्वतीय क्षेत्र में तापमान बढ़ता है। 1 वर्ष में बर्फ का पिघलना ज्यादा तेज हो गया है। इस सदी में 75% ग्लेशियर पिघल जाएंगे। उत्तराखंड में 800 किलोमीटर में 881 लैंडस्लाइड हुई है। इसमें से 80% हाईवे से 100 किलोमीटर के दायरे में हुई है। जोशीमठ में 800 घर में क्रैक आए हैं। वहां पर 2006 से 2022 के बीच में मकान की संख्या दोगुनी हो गई।
उन्होंने कहा कि दूसरा प्रमुख समसामयिक मुद्दा बिहार के चुनाव का है। इस समय बिहार के चुनाव को लेकर देश में बहुत ज्यादा चर्चा चल रही है। इसके साथ ही वह और भी याद आ रहा है, जब मतपत्र से चुनाव होते थे और मतदान केंद्र पर कब्जा हो जाता था। फर्जी वोटिंग की जाती थी। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथि का स्वागत प्रवीण खरीवाल एवं गौतम कोठारी ने किया। प्रतीक चिन्ह राजेंद्र गोयल ने प्रदान किया,कार्यक्रम का संचालन माला सिंह ठाकुर ने किया। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन अभ्यास मंडल के अध्यक्ष रामेश्वर गुप्ता ने किया। इस अवसर पर कृपाशंकर शुक्ला, सुरेश मिंडा, अनवर खान, श्यामसुंदर यादव , ओ, पी जोशी , नूर मोह कुरैशी,पीसी शर्मा, वैशाली खरें, पल्लवी आढाव, एन के उपाध्याय, शफी शेख, मुरली खंडेलवाल मौजूद थे।
इस कार्यक्रम में अभ्यास मंडल के द्वारा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर आयोजित की गई वाद विवाद प्रतियोगिता के विजेताओं को भी पुरस्कृत किया गया। इस प्रतियोगिता में पक्ष में प्रथम गौरंगी मेहता, द्वितीय सजल जैन, तृतीय आयुषी ओझा तथा विपक्ष में प्रथम प्राची पटेल और द्वितीय संस्कृति शर्मा को पुरस्कृत किया गया। चलित मंजूषा देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के सांख्यिकी विभाग को दी गई।