महू में आज से दो दिवसीय नो-फ्लाइंग जोन, पहली बार होगा तीनों सेनाओं का संयुक्त ‘रण संवाद 2025’

देश में पहली बार तीनों सेनाओं का संयुक्त रूप से युद्धक रणनीति पर मंथन इंदौर जिले के महू से शुरू होने जा रहा है। आर्मी वॉर कॉलेज में मंगलवार 26 अगस्त से दो दिवसीय कार्यक्रम “रण-संवाद 2025” का आयोजन किया गया है। इसमें आधुनिक युद्ध तकनीकों, सामरिक तैयारियों और आने वाले समय की चुनौतियों पर गहन विमर्श होगा। यह आयोजन भारतीय सैन्य इतिहास में मील का पत्थर साबित होने जा रहा है, क्योंकि इसमें तीनों सेनाओं की शीर्ष नेतृत्व एक ही मंच पर विचार-विमर्श करेगा।

सीडीएस ने की महू में दस्तक

सोमवार शाम चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान महू पहुंचे। उनके आगमन के साथ ही रण-संवाद 2025 की तैयारियां और भी तेज हो गईं। आर्मी वॉर कॉलेज परिसर में सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद कर दी गई है। वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और रणनीतिक विशेषज्ञों ने इस कार्यक्रम को लेकर महत्वपूर्ण एजेंडा तैयार किया है। सीडीएस की मौजूदगी से यह सम्मेलन और अधिक अहम हो गया है।

रक्षामंत्री होंगे शामिल

आज मंगलवार शाम 6:30 बजे रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह इंदौर एयरपोर्ट से सीधे महू पहुंचेंगे। उनके आगमन के साथ इस संवाद की औपचारिक शुरुआत होगी। रक्षा मंत्री के नेतृत्व में यह चर्चा भविष्य की सैन्य नीतियों और संयुक्त ऑपरेशन की रूपरेखा तय करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।

नौसेना और वायुसेना प्रमुख भी रहेंगे उपस्थित

रण संवाद में नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश कुमार त्रिपाठी और वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल अमरप्रीत सिंह भी मौजूद रहेंगे। इनके साथ वरिष्ठ नौसैनिक और वायुसेना अधिकारी भी शामिल होकर रणनीतिक मामलों पर अपने विचार साझा करेंगे। इससे यह संवाद त्रि-सेनाओं के बीच तालमेल और आपसी समन्वय को मजबूत करने की दिशा में अहम कदम होगा।

थलसेना प्रमुख का दौरा रद्द

हालांकि, थलसेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी का महू दौरा रद्द हो गया है। बावजूद इसके, थलसेना के वरिष्ठ अधिकारी सम्मेलन में हिस्सा लेंगे और रणनीतिक दृष्टिकोण पर चर्चा करेंगे। उनकी अनुपस्थिति के बावजूद थलसेना की ओर से जरूरी पहलुओं को विस्तार से रखा जाएगा।

रक्षा रणनीति पर होगा गहन विमर्श

रण संवाद 2025 का उद्देश्य है – आधुनिक युद्धक तकनीक, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर वॉरफेयर और अंतरिक्ष सुरक्षा जैसे विषयों पर विचार-विमर्श करना। वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और रणनीतिक विशेषज्ञ बदलते वैश्विक हालातों और भारत की सुरक्षा चुनौतियों पर गहन चर्चा करेंगे। साथ ही भविष्य में संयुक्त रूप से ऑपरेशन करने की कार्यप्रणाली को भी इस संवाद में विशेष महत्व दिया जाएगा।