मध्य प्रदेश में बनेंगे दो नए वन्य जीव अभयारण्य, CM मोहन यादव ने दी मंजूरी

मध्य प्रदेश सरकार ने वन्य जीवों के संरक्षण और इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। प्रदेश में दो नए वन्य जीव अभयारण्य स्थापित किए जाएंगे। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में प्रदेश के जहानगढ़ और ओंकारेश्वर में इन अभयारण्यों की स्थापना को मंजूरी दी। यह निर्णय राज्य वन्यप्राणी बोर्ड की 28वीं बैठक में लिया गया।

बाघ से लेकर गिद्धों तक की संख्या में हुई वृद्धि

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार के प्रभावी संरक्षण प्रयासों का परिणाम यह है कि प्रदेश में बाघ, तेंदुआ, चीता, हाथी, घड़ियाल और गिद्धों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हो रही है। गिद्ध जनगणना के आंकड़ों के अनुसार, फरवरी में हुई गिद्ध जनगणना में 12,981 गिद्धों की संख्या दर्ज की गई, जो पिछले वर्ष के मुकाबले 19 प्रतिशत अधिक है।

वन्य जीव अभयारण्यों का विस्तार

ओंकारेश्वर वन्य जीव अभयारण्य, जो देवास और खंडवा जिलों में फैला होगा, लगभग 614.07 वर्ग किमी क्षेत्र में विस्तारित किया जाएगा। वहीं, श्योपुर जिले में स्थित जहानगढ़ वन्य जीव अभयारण्य का क्षेत्रफल 6.328 वर्ग किमी होगा। इन दोनों अभयारण्यों के स्थापना से प्रदेश में वन्य जीव संरक्षण को और मजबूती मिलेगी।

उज्जैन और जबलपुर में रेस्क्यू सेंटर और चिड़ियाघर

बैठक में उज्जैन में वन्य जीव रेस्क्यू सेंटर और चिड़ियाघर की स्थापना की भी योजना बनाई गई है, और मुख्यमंत्री ने इसके कार्य को तेज़ी से पूरा करने का निर्देश दिया। इसके अलावा, जबलपुर जिले में भी इसी तरह का एक और रेस्क्यू सेंटर बनाने का प्रस्ताव है।

पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए वन्य जीवों का संरक्षण और पर्यटन से जोड़ा जाएगा

मुख्यमंत्री यादव ने वन्य जीवों के संरक्षण को पर्यटन से जोड़ने की योजना पर जोर दिया है। प्रदेश में चंबल, मंदसौर, नीमच और शिवपुरी जैसे जिलों में बड़ी संख्या में मगरमच्छ हैं, और इनको वन्य जीव संरक्षण के तहत खाली पड़ी नदियों में पुनर्स्थापित करने का निर्देश भी दिया गया है। इस कदम से प्रदेश में पर्यटकों को आकर्षित किया जाएगा और वन्य जीवों की सुरक्षा भी सुनिश्चित होगी।