उद्धव और राज ठाकरे : उद्धव ठाकरे और राज ठाकरे के बीच एक बार फिर साथ आने के संकेत मिले हैं। 5 जुलाई को दोनों पार्टियां शिवसेना यूबीटी)और एमएनएस—मुंबई में एक साथ मार्च करेंगी। पहले अलग-अलग मार्च की योजना थी, लेकिन अब दोनों ने मिलकर हिंदी थोपे जाने के विरोध में एकजुट होने का फैसला किया है। संजय राउत ने एक तस्वीर साझा की, जिसमें दोनों नेता साथ दिखे। यह विरोध मार्च गिरगांव चौपाटी से आजाद मैदान तक निकाला जाएगा।
भाषा पर सियासत गरमाई: क्या है सरकार की नई नीति?
शिवसेना (यूबीटी) के सांसद ने कहा कि हम हिंदी के खिलाफ नहीं हैं, लेकिन इसे किसी पर जबरन नहीं थोपा जाना चाहिए। उद्धव ठाकरे ने भी राज ठाकरे की बात से सहमति जताई है। 5 जुलाई को एक रैली की योजना है, जिसकी जगह और समय तय किया जा रहा है। हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने आदेश जारी किया कि कक्षा 1 से 5 तक हिंदी तीसरी भाषा होगी, लेकिन इसे जरूरी नहीं बनाया गया है। दूसरी भाषा के लिए 20 छात्रों की सहमति चाहिए।
भाषा नीति पर अजित पवार की नाराज़गी
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजित पवार भी सरकार के फैसले से खुश नहीं हैं। मुंबई में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बच्चों को मराठी की पढ़ाई पहली कक्षा से ही मिलनी चाहिए, ताकि वे इसे ठीक से पढ़ और लिख सकें। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी को पहली कक्षा से पढ़ाना जरूरी नहीं है। विपक्ष पहले ही इस फैसले का विरोध कर रहा है, अब पवार ने भी इस पर अपनी नाखुशी जाहिर की है।
भाषा विवाद पर फडणवीस की सफाई
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि तीसरी भाषा से जुड़ा फैसला जल्दी नहीं लिया जाएगा। इस पर पहले साहित्यकारों, भाषा विशेषज्ञों और राजनीतिक नेताओं से बातचीत की जाएगी। सभी की राय लेने के बाद ही अंतिम निर्णय होगा। उन्होंने साफ किया कि सरकार इस मुद्दे पर सभी पक्षों की बात सुनकर ही कोई कदम उठाएगी।