Uddhav Thackeray: शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने 28 साल की लंबी राजनीतिक दूरी के बाद अपने चचेरे भाई और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) के अध्यक्ष राज ठाकरे के साथ एक मंच साझा किया। इस ऐतिहासिक पुनर्मिलन के दौरान उद्धव ने कहा कि यह एकता केवल अस्थायी नहीं है, बल्कि दोनों अब हमेशा के लिए एक साथ रहने के लिए एकजुट हुए हैं।
Uddhav Thackeray बोले हम मराठी अस्मिता की रक्षा के लिए है
वर्ली में आयोजित ‘आवाज मराठी चा’ विजय रैली में उद्धव ने उत्साह भरे स्वर में कहा, “हम साथ रहने के लिए साथ आए हैं। हमारा यह एकजुट होना मराठी अस्मिता की रक्षा के लिए है।”
यह रैली महाराष्ट्र सरकार द्वारा प्राथमिक स्कूलों में हिंदी को तीसरी अनिवार्य भाषा बनाने के फैसले को वापस लेने की जीत का उत्सव थी, जिसमें ठाकरे बंधुओं का संयुक्त विरोध निर्णायक साबित हुआ।
दोनों नेताओं का एक मंच पर आना न केवल मराठी भाषा और संस्कृति के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है, बल्कि महाराष्ट्र की राजनीति में एक नए सियासी समीकरण की शुरुआत का भी संकेत देता है। इस आयोजन में हजारों समर्थकों की मौजूदगी ने इस पुनर्मिलन को और भी यादगार बना दिया।
यह एकता केवल एक घटना तक सीमित नहीं: Uddhav Thackeray
उद्धव के इस बयान ने साफ कर दिया कि यह एकता केवल एक घटना तक सीमित नहीं है, बल्कि यह मराठी गौरव और महाराष्ट्र के भविष्य के लिए एक दीर्घकालिक साझेदारी है।आगामी स्थानीय निकाय चुनावों के मद्देनजर इस पुनर्मिलन का सियासी महत्व और बढ़ जाता है।
यह देखना बाकी है कि उद्धव और राज की यह एकता महाराष्ट्र की राजनीति में कितना गहरा प्रभाव डालेगी और क्या यह मराठी अस्मिता के लिए उनके साझा मिशन को और मजबूत करेगी।