उद्धव ठाकरे : शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने कहा कि ‘ठाकरे’ सिर्फ एक नाम या ब्रांड नहीं, बल्कि यह मराठी लोगों, महाराष्ट्र और हिंदू गौरव की पहचान है। वाह बोले कि कुछ लोग ‘ठाकरे’ की पहचान मिटाने की कोशिश कर रहे हैं। ‘सामना’ को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने चुनाव आयोग, बीजेपी और एकनाथ शिंदे पर कड़ा हमला बोला। उद्धव ने कहा कि चुनाव चिन्ह कोई ले सकता है, लेकिन ‘ठाकरे’ नाम उनके दादा और पिता की पहचान है, जो कोई नहीं छीन सकता।
ठाकरे नाम मिटाने की कोशिशें तेज, उद्धव ठाकरे का सीधा वार
उद्धव ठाकरे ने बिना नाम लिए बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि कुछ लोग ‘ठाकरे’ की पहचान मिटाना चाहते हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि वे ही सत्ता में रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि पहले भी कई लोगों ने ऐसा करने की कोशिश की, लेकिन वे खुद खत्म हो गए। उद्धव ने ‘ठाकरे’ नाम को मराठी और हिंदू पहचान से जोड़ा।
उद्धव ठाकरे का शिविभाजन पर फिर तीखा वार
ठाकरे ने कहा कि वे लोग जिन्होंने पिछले 100 वर्षों में किसी भी क्षेत्र में कोई कामयाबी हासिल नहीं की और कोई मिसाल नहीं बनाई, आज ठाकरे ब्रांड को अपने नाम करने की कोशिश कर रहे हैं। यह टिप्पणी सीधे तौर पर भाजपा और आरएसएस पर हमला मानी जा रही है।
चुनाव आयोग के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में दी गई चुनौती
चुनाव आयोग ने एकनाथ शिंदे गुट को असली शिवसेना मानते हुए उसे धनुष-बाण चुनाव चिन्ह दे दिया था। वहीं, उद्धव ठाकरे गुट को शिवसेना (यूबीटी) नाम और मशाल का चिन्ह मिला। अब उद्धव गुट ने इस फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। इस मामले की अगली सुनवाई 11 अगस्त को होगी।
उद्धव ठाकरे का बयान, जनता का भरोसा हमारी ताकत है
इंटरव्यू के अंत में उद्धव ठाकरे भावुक हो गए और कहा कि कोई पार्टी का चुनाव चिन्ह तो चुरा सकता है, लेकिन जनता का प्यार और विश्वास नहीं चुरा सकता। उन्होंने कहा कि वह, उनके बेटे आदित्य ठाकरे और चचेरे भाई राज ठाकरे सभी मिलकर ‘ठाकरे’ नाम और पहचान को मजबूत बनाने के लिए काम कर रहे हैं। वे इस पहचान को बनाए रखने के लिए पूरी तरह से समर्पित हैं।