UGC ने छात्रों के लिए खोला दरवाजा, 12वीं आर्ट्स के छात्र भी कर सकेंगे BSC, लेकिन रख दीं ये शर्ते

UGC New Guidelines for UG Admission: विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) ने भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली में एक महत्वपूर्ण बदलाव की घोषणा की है। अब 12वीं कक्षा में किसी भी स्ट्रीम, जैसे कि आर्ट्स, साइंस या कॉमर्स, से पास छात्र अपनी इच्छानुसार किसी भी विषय में ग्रेजुएशन कर सकते हैं। उदाहरण के लिए, अब 12वीं आर्ट्स के छात्र बीएससी (बैचलर ऑफ साइंस) जैसी तकनीकी और वैज्ञानिक डिग्री कोर्स कर सकेंगे। यह बदलाव यूजीसी द्वारा जारी किए गए ड्राफ्ट गाइडलाइन में किया गया है, जो छात्रों के लिए अधिक विकल्प और लचीलापन प्रदान करता है।

यूजीसी ने इस नई गाइडलाइन के तहत स्नातक (यूजी) और स्नातकोत्तर (पीजी) डिग्री प्रोग्राम के लिए नियमों में कई महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं। यूजीसी ने इस ड्राफ्ट पर सार्वजनिक प्रतिक्रिया आमंत्रित की है और इसे लेकर लोग 23 दिसंबर तक अपने सुझाव और टिप्पणियां दे सकते हैं।

स्नातक और पोस्ट-ग्रेजुएशन की डिग्री की अवधि में बदलाव

UGC की ओर से जारी गाइडलाइन के अनुसार, स्नातक (यूजी) डिग्री की सामान्य अवधि 3 या 4 वर्ष होगी, जबकि स्नातकोत्तर (पीजी) डिग्री की अवधि आम तौर पर 1 या 2 वर्ष की होगी। हालांकि, यह अवधि विभिन्न परिस्थितियों के आधार पर कम या अधिक हो सकती है। उदाहरण के लिए, यदि कोई छात्र पहले से किसी विषय में अच्छी जानकारी रखता है, तो उसकी डिग्री को कम समय में पूरा किया जा सकता है।

इसके अतिरिक्त, छात्रों को त्वरित डिग्री प्रोग्राम (ADP) और विस्तारित डिग्री प्रोग्राम (EDP) का भी विकल्प दिया जाएगा। उच्च शिक्षा संस्थान त्वरित डिग्री प्रोग्राम के लिए कुल प्रवेश सीटों का 10 प्रतिशत तक आरक्षण कर सकते हैं। वहीं, विस्तारित डिग्री प्रोग्राम के लिए किसी प्रकार की सीट सीमा निर्धारित नहीं की गई है।

यूजी प्रोग्राम में प्रवेश के लिए नए अवसर

यूजीसी के नए दिशा-निर्देशों के अनुसार, अब 12वीं के बाद किसी भी विषय में प्रवेश के लिए छात्रों को किसी भी एकीकृत यूजी/पीजी डिग्री प्रोग्राम में दाखिला लेने का अधिकार होगा। यह बदलाव छात्रों को अपनी रुचि और क्षमता के अनुसार किसी भी डिग्री प्रोग्राम में प्रवेश लेने का अवसर देगा। हालांकि, इन कोर्सों में दाखिला लेने के लिए छात्रों को संबंधित विश्वविद्यालय या राष्ट्रीय स्तर पर आयोजित प्रवेश परीक्षा को पास करना होगा। यह परीक्षा विषय आधारित होगी, जिससे छात्रों को अपने चुने हुए क्षेत्र में सफलता हासिल करने का अवसर मिलेगा।

फ्लेक्सिबल अटेंडेंस पॉलिसी

यूजीसी ने उच्च शिक्षा संस्थानों को यह अधिकार भी दिया है कि वे अपने प्रोग्राम के लिए उपस्थिति की आवश्यकताओं को लचीला बनाएं। इससे छात्रों को उनके अध्ययन की शैली के अनुसार प्रोग्राम को पूरा करने में आसानी होगी। संस्थान अब अपने वैधानिक निकायों से अनुमोदन प्राप्त करने के बाद, शैक्षिक आवश्यकताओं के अनुरूप उपस्थिति नीतियों को तैयार करेंगे। इसका उद्देश्य छात्रों को अधिक स्वतंत्रता देना है, ताकि वे अपनी पढ़ाई को अपनी जीवनशैली और अन्य जिम्मेदारियों के साथ संतुलित कर सकें।

इन बदलावों से छात्रों को अपनी शिक्षा के क्षेत्र में कई नए अवसर मिलेंगे। वे अब अपनी पसंद के किसी भी विषय में डिग्री प्राप्त कर सकते हैं, बिना किसी पूर्व स्ट्रीम की बाधा के। इसके साथ ही, शिक्षा के फ्लेक्सिबल मॉडल से छात्रों को अधिक लचीलापन मिलेगा, जिससे वे अपनी व्यक्तिगत और शैक्षिक जरूरतों को बेहतर तरीके से पूरा कर सकेंगे। इस पहल का उद्देश्य छात्रों के लिए उच्च शिक्षा को और अधिक समावेशी, लचीला और उपलब्ध बनाना है।