राजेश राठौर
EXCLUSIVE
स्वतंत्र समय, इंदौर
इंदौर में जिस तरह के कलाकार नटवरलाल और फर्जी कालोनाइजर हैं, वैसे ही उज्जैन में भी बड़े पैमाने पर कालोनियों ( colonies ) में गड़बडिय़ां हो रही हैं। इंदौर के गुंडे, बदमाश सटोरिए और उठाईगिरे उज्जैन में भी कालोनी के नाम पर जमकर फर्जीवाड़ा कर रहे हैं। बिना सरकारी अनुमति और रेरा रजिस्ट्रेशन के कई कालोनियां कटती जा रही हैं।
उज्जैन में भी जमकर काटी गई अवैध colonies
इंदौर में प्रापर्टी में मंदीवाड़ा आने के बाद उसका असर उज्जैन में भी दिखाई दे रहा है। वहां पर भी जमकर सिंहस्थ के नाम पर अवैध कालोनियां ( colonies ) कटती जा रही हैं। सिंहस्थ 2028 तक प्रापर्टी के दाम बढ़ जायेंगे, इस बात की गारंटी के साथ कालोनाइजर लोगों को प्लाट बेचे जा रहे हैं जबकि इंदौर-उज्जैन रोड पर ही जो कालोनियां कटी हैं उनके दाम वास्तव में आधे रह गये हैं। जिन्होंने डायरी पर बिना अनुमति के प्लाट काटकर बेच दिए। उनकी हालत तो सबसे ज्यादा खराब है, हालत यह है कि जिस भाव में लोगों ने डायरियां खरीदी थीं उस भाव में भी वापस डायरियां नहीं बिक रही हैं। हालात इतने ज्यादा खराब हैं कि कालोनाइजर आफिस बंद करके भाग गए हैं, उज्जैन में भी छोटी-बड़ी पचास से ज्यादा कालोनियां अवैध रूप से कट रही हैं। वहां पर इन कालोनियों के प्लाट बेचने के लिए कालोनाइजर झूठे आश्वासन देते जा रहे हैं। किस्तों में प्लाट बेचकर कालोनाइजर आम लोगों के साथ धोखाधड़ी कर रहे हैं। उज्जैन के आसपास आने वाले हर रास्ते पर बीस-पच्चीस किलोमीटर दूर तक कालोनियां कटती जा रही हैं। इन कालोनियों को रेरा की अनुमति नहीं मिली है तो जमीन का डायवर्सन और नामांतरण तक नहीं कराया। कालोनी काटने की अनुमति तक नहीं ली, डेवलपमेंट भी शुरू नहीं किया, सिर्फ बाउंड्रीवॉल बनाकर लोगों को मूर्ख बना रहे हैं।
सिंहस्थ के नाम पर फर्जीवाड़ा करने वाले कालोनाइजरों पर जिला प्रशासन जल्द ही सख्त कार्रवाई करने वाला है। कई लोग राजनीतिक रसूख बताकर भी कालोनियों में प्लाट बेच रहे हैं। उज्जैन के नए कलेक्टर रोशन कुमार सिंह इस पूरे मामले की जांच करवाने वाले हैं जिन लोगों ने छोटे प्लाट के अलावा बिना अनुमति के एक-एक, दो-दो एकड़ के फार्म हाउस बताकर प्रापर्टी बेचना शुरू की है, उन पर भी प्रशासन की नजर है। कालोनाइजरों का आपराधिक रिकार्ड भी तैयार किया जा रहा है। जितने भी अपराधी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष तौर पर प्रापर्टी के धंधे में लगे हैं, उन सब की हिस्ट्री पुलिस और प्रशासन निकाल रहा है। सिंहस्थ के नाम पर किसी को भी फर्जीवाड़ा नहीं करने दिया जायेगा। उज्जैन के लोगों से ‘दैनिक स्वतंत्र समय’ की अपील है कि वे जहां भी प्रापर्टी में इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं, उस कालोनी का रिकार्ड पहले पता कर लें। सभी अनुमतियां कालोनाइजर को मिली हैं कि नहीं, कहीं ऐसा ना हो कि सिंहस्थ के नाम पर कालोनी काटने वाले भू-माफिया सिंहस्थ समाप्त होते ही उज्जैन में नजर भी नहीं आएंगे। हम शीघ्र ही उन कालोनियों की सूची प्रकाशित करेंगे जिनके पास रेरा की भी अनुमति नहीं है ताकि आम जनता सावधान हो जाए। यदि किसी वैध कालोनी में कोई प्लाट खरीद रहा है तो अच्छी बात है लेकिन कहीं फायदे के चक्कर में लोगों की जीवन भर की कमाई डूब ना जाए, इसका ध्यान सभी को रखना चाहिए। जय महाकाल…