उज्जैन-इंदौर फोरलेनः 600 करोड़ देना होगा मुआवजा, 1000 करोड़ खर्च का अनुमान

स्वतंत्र समय, उज्जैन

सिंहस्थ 2028 की तैयारी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने शुरू करवा दी है। वहीं उज्जैन-इंदौर के फोर लेन को सिक्स लेन में भी तब्दील किया जाना है। इसके लिए किस फॉर्मूले के तहत सडक़ का निर्माण किया जाना है। फिलहाल तो एक हजार करोड़ रुपए मय ब्याज इस सडक़ की लागत आ रही है। इसका नोटिफिकेशन भी जारी हो गया है
इंदौर के अरबिन्दो हॉस्पिटल से लेकर उज्जैन में हरी फाटक तक सिक्स लेन प्रोजेक्ट अमल में लाया जाएगा। वहीं ग्रेटर रिंग रोड के लिए भी जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू की जा रही है, जिसके लिए केन्द्र सरकार ने नोटिफिकेशन भी जारी कर दिया है। लगभग 600 करोड़ रुपए मुआवजे के रूप में ही बांटना पड़ेंगे। हालांकि दूसरी तरफ किसानों ने जमीन अधिग्रहण का विरोध भी शुरू कर रखा है।
अभी सडक़ परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने वेस्टर्न रिंग रोड के लिए सांवेर क्षेत्र में अर्जित की जाने वाली जमीनों की जानकारी का नोटिफिकेशन जारी किया है, जिसमें गांव धतुरिया, बलोदा टाकून, सोलसिंदा, कटक्या, ब्राह्मण पिपल्या, मुंडला हुसैन, जैतपुरा, पीर कनाडिय़ा, बरलाई जागीर के गांवों की जमीनों की जानकारी दी गई है, जिसमें निजी और सरकारी जमीनें शामिल हैं। 191 हेक्टेयर जमीन अधिग्रहित की जाना है। अभी यह अधिग्रहण 40.40 किलोमीटर से लेकर 64.40 किलोमीटर के हिस्से में किया जाना है। इन जमीनों से जुड़े किसान अनुविभागीय अधिकारी या सक्षम प्राधिकारी के समक्ष आपत्तियां दर्ज करवा सकते हैं। दूसरी तरफ नेशनल हाईवे अथॉरिटी ने दो पैकेज में सडक़ निर्माण के टेंडर भी बुलवा लिए हैं। 32-32 किलोमीटर के दो पैकेजों में 64 किलोमीटर लम्बाई की यह सिक्स लेन सडक़ बनना है, जिस पर लगभग 2 हजार करोड़ रुपए का खर्च अनुमानित है और 600 करोड़ से अधिक तो जमीन अधिग्रहण पर ही खर्च हो जाएंगे। इस ग्रेटर रिंग रोड के लिए कुल 39 गांवों की 648 हेक्टेयर यानी 1500 एकड़ से अधिक जमीनों का अधिग्रहण किया जाना है। दूसरी तरफ किसानों की महापंचायतें लगातार जारी है, जिसमें इस रोड के अलावा इंदौर-बुधनी रेलवे लाइन के लिए ली जा रही जमीनों का विरोध भी शामिल है। दूसरी तरफ उज्जैन में 2028 में आयोजित होने वाले सिंहस्थ के मद्देनजर अभी से विकास योजनाएं तैयार कराई जा रही है। वैसे भी महाकाल लोक बनने के बाद इंदौर-उज्जैन रोड पर यातायात का दबाव लगातार बढ़ रहा है और शनिवार-रविवार-सोमवार, तीन दिन तो भीड़ रहती ही है, वहीं त्योहारों या छुट्टियों के दिनों में तो और भी यातायात बढ़ जाता है। 4 से 5 लाख लोग उज्जैन पहुंच जाते हैं, जिसके चलते इस फोर लेन को सिक्स लेन में परिवर्तित किया जा रहा है, जिसमें सांवेर के पास दो बड़े जंक्शन पर फ्लायओवर भी निर्मित किए जाएंगे। अभी 55 किलोमीटर लम्बा यह फोर लेन है। हालांकि भविष्य में इसे 8 लेन तक करने की जरूरत पड़ेगी। चूंकि अभी जमीन अधिग्रहण में भी परेशानी है। लिहाजा सिक्स लेन पर ही काम किया जा रहा है। इसके साथ ही इंदौर-उज्जैन के बीच मेट्रो प्रोजेक्ट की भी मांग है। सिक्स लेन का निर्माण इंदौर के अरबिन्दो से शुरू होकर उज्जैन के हरी फाटक तक किया जाना है। साढ़े 700 करोड़ रुपए लागत मुआवजे सहित आएगी, ब्याज की राशि जोडऩे पर एक हजार करोड़ रुपए तक का खर्चा आ रहा है। लिहाजा शासन कोई उपयुक्त फार्मूला खोज रहा है, जिससे सडक़ का निर्माण का निर्माण करवाया जा सके।