राजा रघुवंशी की हत्या की गुत्थी तब सुलझती दिखी जब उसकी पत्नी सोनम ने एसआईटी के सामने अपना जुर्म कबूल कर लिया। पूछताछ के दौरान सोनम ने स्पष्ट तौर पर कहा कि “हां, यह सब मैंने ही करवाया।” यह स्वीकारोक्ति मामले की जांच में निर्णायक मोड़ साबित हुई, जिससे लगभग हर सवाल का जवाब मिल गया।
हनीमून बना मौत का सफर
राजा और सोनम की शादी 11 मई को इंदौर में हुई थी और दोनों 20 मई को हनीमून के लिए असम होते हुए मेघालय पहुंचे। 23 मई को वे नोंग्रियात गांव के एक होमस्टे से निकले और फिर दोनों अचानक गायब हो गए। कुछ दिन बाद राजा का शव एक गहरी खाई में मिला, जबकि सोनम लापता रही। उसकी गुमशुदगी ने पूरे केस को रहस्यमय बना दिया।
गिरफ्तारी ने खोले राज़
लंबी छानबीन के बाद पुलिस ने सोनम को गाजीपुर के एक ढाबे से हिरासत में लिया। गिरफ्तारी के बाद जैसे-जैसे पूछताछ आगे बढ़ी, मामले की परतें खुलती चली गईं। उसके बयान और डिजिटल ट्रेस के आधार पर अन्य चार आरोपियों की भी गिरफ्तारी हुई।
सोनम का मंगलसूत्र बना सबसे बड़ा सुराग
मेघालय पुलिस के डीजीपी आई नोंगरांग ने बताया कि दंपती ने सोहरा के एक होमस्टे में अपना सूटकेस छोड़ दिया था। उस सूटकेस में सोनम का मंगलसूत्र और एक अंगूठी मिली। यह इस बात का संकेत था कि कोई विवाहित महिला अपना मंगलसूत्र छोड़कर नहीं जाती, जिससे सोनम पर शक गहराया।
शक की सुई सोनम पर कैसे पहुंची
शिलांग के डीआईजी डेविस एनआर मारक के अनुसार, जब जांच दल ने होमस्टे के कमरे की तलाशी ली, तो सूटकेस में मिले मंगलसूत्र और रिंग ने जांच को सोनम की ओर मोड़ दिया। उनके अनुसार, सोनम घटना के बाद अकेले टैक्सी से गुवाहाटी तक गई थी और वहीं से फरार हो गई थी।
कॉन्ट्रैक्ट किलरों का सुराग और गुवाहाटी रेड
सूत्रों के मुताबिक, पुलिस को पता चला कि हत्या में शामिल कॉन्ट्रैक्ट किलर शिलांग जाते समय गुवाहाटी के पान बाजार क्षेत्र के एक लॉज में ठहरे थे। वहां पुलिस ने दबिश दी और कई अहम सबूत इकट्ठे किए, जिससे इस केस की कड़ियां और स्पष्ट होती गईं।
पुलिस का सख्त एक्शन और विस्तृत जांच
मेघालय पुलिस की एसआईटी अब इस मामले की गहराई से जांच कर रही है। यह भी बताया गया कि डिजिटल फुटप्रिंट के आधार पर अन्य राज्यों में छापेमारी की योजना बनाई जा रही है। सभी पांचों गिरफ्तार आरोपियों को आगे की पूछताछ के लिए सदर पुलिस स्टेशन लाया गया है।