स्वतंत्र समय, भोपाल
भोपाल गैस कांड के 40 साल बाद यूनियन कार्बाइड ( Union Carbide ) फैक्ट्री के गोदाम में रखे 337 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को हटाने की प्रक्रिया शुरू हुई। रविवार सुबह एक्सपर्ट्स की टीम मौके पर पहुंची और कड़े सुरक्षा घेरे में कचरे को 12 कंटेनर में भरने की प्रोसेस की गई। 3 जनवरी से पहले कंटेनर पीथमपुर पहुंचाया जाएगा। इस पूरी प्रक्रिया में कैम्पस के अंदर जाने की मनाही है।
Union Carbide कैंपस में 100 से से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात
यूनियन कार्बाइड ( Union Carbide ) कैम्पस के आसपास 100 से से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। वहीं, कुल 400 से ज्यादा अधिकारी-कर्मचारी, एक्सपर्ट्स और डॉक्टरों की टीम इस काम में जुटी है। गैस कांड के 40 साल बाद रामकी कंपनी के एक्सपर्ट्स की मॉनिटरिंग में ये कचरा 12 कंटेनर ट्रकों में भरा जा रहा है। जहरीले कचरे को कड़ी सुरक्षा के साथ 250 किमी का ग्रीन कॉरिडोर बनाकर पीथमपुर भेजा जाएगा। यहां कचरे को रामकी एनवायरो में जलाया जाएगा। गौरतलब है कि हाईकोर्ट ने 6 जनवरी तक इसे हटाने के निर्देश दिए थे। 3 जनवरी को सरकार को हाईकोर्ट में रिपोर्ट पेश करना है। यानी, 2 जनवरी तक हर हाल में कचरा पीथमपुर भेजना ही है। पीथमपुर इंडस्ट्रियल वेस्ट मैनेजमेंट (रामकी) कंपनी इसका निष्पादन करेगी।
भरे हर कंटेनर का यूनिक नंबर
हर कंटेनर का एक यूनिक नंबर होगा। ये ट्रक कंटेनर जिस रूट से निकलेंगे उसकी सूचना जिला प्रशासन को दे दी जाएगी। रास्ते पर ट्रैफिक रोकने की जिम्मेदारी भोपाल और इंदौर के संभाग आयुक्तों को सौंपी गई है। ट्रक करोंद मंडी होते हुए पीपुल्स मॉल, करोंद चौराहा, गांधी नगर, मुबारकपुर, सीहोर नाका होते हुए इंदौर जाएंगे। यह रूट इसलिए चुना गया है, क्योंकि रात के समय इस रूट पर ट्रैफिक का दबाव कम रहता है। जो मजदूर कंटेनर ट्रकों में कचरा भर रहे हैं, उन्हें सेफ्टी के सारे उपकरण और सुविधाएं दी गई हैं। अंदर ही डॉक्टरों की टीम भी तैनात की गई है, जो हर हालात पर नजर रख रही है। कचरा लोडिंग के दौरान अगर किसी की तबीयत बिगड़ती है तो फौरन मौके पर ही उसे दवा और ट्रीटमेंट देने के इंतजाम है।