Union Carbide Waste: पीथमपुर में स्थित रि-सस्टेनेब्लिटी कंपनी (पूर्व में रामकी) के परिसर में पिछले दो महीनों से रखे गए 337 टन कचरे को जलाने की प्रक्रिया शुक्रवार सुबह 10 बजे से शुरू होगी। यह कचरा भोपाल से लाकर 12 कंटेनरों में संग्रहित किया गया था। पहले चरण में 30 टन कचरे को अगले दो सप्ताह में अलग-अलग मात्रा में जलाया जाएगा।
पीथमपुर में स्थित रि-सस्टेनेब्लिटी कंपनी (पूर्व में रामकी) के परिसर में पिछले दो महीनों से रखे गए 337 टन कचरे को जलाने की प्रक्रिया शुक्रवार सुबह 10 बजे से शुरू होगी। यह कचरा भोपाल से लाकर 12 कंटेनरों में संग्रहित किया गया था। पहले चरण में 30 टन कचरे को अगले दो सप्ताह में अलग-अलग मात्रा में जलाया जाएगा। इस प्रक्रिया के प्रभाव की रिपोर्ट 27 मार्च से पहले हाई कोर्ट को सौंपी जाएगी। वर्ष 2015 में भी पीथमपुर के इसी संयंत्र में 10 टन जहरीला कचरा जलाकर ट्रायल रन किया गया था। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद कचरे को जलाने पर प्रशासनिक अफसरों ने निर्णय लिया।
गुरुवार दोपहर तीन से चार बजे के बीच पांच कंटेनर खोले गए, जबकि रात में इंसीनेटर का ड्राय रन शुरू कर उसका तापमान बढ़ाने की प्रक्रिया शुरू की गई, जो शुक्रवार सुबह तक चलेगी। इस दौरान संयंत्र के प्रथम दहन कक्ष का तापमान कचरा जलाने के लिए निर्धारित 850 से 900 डिग्री सेल्सियस तक और दूसरे दहन कक्ष का तापमान 1100 से 1200 डिग्री सेल्सियस तक पहुंचाया जाएगा। इसके बाद कचरे को भस्मक संयंत्र में डाला जाएगा।
यूनियन कार्बाइड का जहरीला कचरा धार जिले के पीथमपुर में ही जलेगा, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने इस पर रोक लगाने से इनकार कर दिया है। गुरुवार सुबह हुई सुनवाई में अदालत ने स्पष्ट किया कि यदि याचिकाकर्ता चाहें तो इस संबंध में मध्य प्रदेश हाई कोर्ट के समक्ष आपत्ति दर्ज करा सकते हैं। कोर्ट ने राज्य सरकार के उस जवाब को भी रिकॉर्ड पर लिया, जिसमें कचरा जलाने की प्रक्रिया के दौरान सभी नियमों के पालन की पुष्टि की गई है। सरकार के जवाब में कचरा नष्ट करने की प्रक्रिया, बरती जाने वाली सावधानियां और किसी भी संभावित हादसे से निपटने के लिए की गई व्यवस्थाओं की जानकारी दी गई है।
इस बीच, पीथमपुर में कचरा जलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है, जिसके लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट में यह याचिका सामाजिक कार्यकर्ता चिन्मय मिश्र ने दायर की थी, जिसमें आरोप लगाया गया था कि पर्यावरण और स्वास्थ्य संबंधी नियमों का पालन किए बिना जहरीले कचरे को जलाने की तैयारी की गई है।