UP में PCS अधिकारियों के लिए QR कोड वाले स्मार्ट आईडी कार्ड, फर्जी SDM कांड के बाद योगी सरकार का बड़ा फैसला

उत्तर प्रदेश में अब पीसीएस (PCS) अधिकारियों की पहचान को लेकर कोई फर्जीवाड़ा नहीं हो सकेगा। योगी सरकार ने सभी प्रांतीय सिविल सेवा (PCS) अधिकारियों के लिए क्यूआर कोड आधारित स्मार्ट पहचान पत्र जारी करने का निर्देश दिया है। यह कदम हाल ही में मैनपुरी में सामने आए फर्जी एसडीएम कांड के बाद उठाया गया है, जिसका मकसद अधिकारियों की पहचान को पूरी तरह सुरक्षित और पारदर्शी बनाना है।

इन नए स्मार्ट कार्ड्स को अधिकारी के आधार कार्ड से भी लिंक किया जाएगा। इससे किसी भी अधिकारी की पहचान को तुरंत और आसानी से सत्यापित किया जा सकेगा। सरकार का मानना है कि इस व्यवस्था से प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता बढ़ेगी और जालसाजी की घटनाओं पर पूरी तरह लगाम लगेगी।

क्यों पड़ी स्मार्ट कार्ड की जरूरत?

इस फैसले के पीछे की मुख्य वजह मैनपुरी में सामने आया एक धोखाधड़ी का मामला है। वहां मनीषा गुप्ता नाम की एक महिला खुद को एसडीएम बताकर लोगों से ठगी कर रही थी। वह अपनी कार पर नीली बत्ती लगाकर और फर्जी गनर के साथ घूमती थी, जिससे लोग आसानी से उसके झांसे में आ जाते थे। जब पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया तो इस घटना ने प्रशासनिक हलकों में सुरक्षा को लेकर एक बड़ी बहस छेड़ दी। इसी के बाद शासन स्तर पर अधिकारियों के लिए एक सुरक्षित पहचान पत्र प्रणाली विकसित करने का निर्णय लिया गया।

कैसे काम करेगा नया स्मार्ट आईडी कार्ड?

सरकार द्वारा जारी किए जाने वाले ये नए पहचान पत्र सामान्य कार्ड की तरह नहीं होंगे। इनमें कई आधुनिक सुरक्षा विशेषताएं होंगी, जो इन्हें बेहद सुरक्षित बनाएंगी।

1. क्यूआर कोड (QR Code): हर कार्ड पर एक यूनिक क्यूआर कोड होगा। इस कोड को किसी भी स्मार्टफोन से स्कैन किया जा सकता है। स्कैन करते ही अधिकारी से जुड़ी सारी जानकारी स्क्रीन पर आ जाएगी।

2. मानव संपदा पोर्टल से लिंक: यह क्यूआर कोड सीधे राज्य सरकार के मानव संपदा पोर्टल से जुड़ा होगा। स्कैन करने पर पोर्टल पर दर्ज अधिकारी का नाम, पद, तैनाती का स्थान, बैच और फोटो जैसी सभी प्रमाणित जानकारी सामने आ जाएगी।

3. आधार से लिंकिंग: पहचान पत्र को अधिकारी के आधार नंबर से भी जोड़ा जाएगा, जिससे पहचान का दोहरा सत्यापन सुनिश्चित होगा।

प्रशासन ने शुरू की तैयारी

नियुक्ति एवं कार्मिक विभाग ने इस योजना को लागू करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। विभाग ने प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों को पत्र लिखकर उनके अधीन तैनात सभी पीसीएस अधिकारियों का पूरा विवरण मानव संपदा पोर्टल पर अपडेट करने का निर्देश दिया है। सभी अधिकारियों से अपना मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी और अन्य जरूरी जानकारी पोर्टल पर दर्ज करने को कहा गया है। जैसे ही सभी अधिकारियों का डेटा अपडेट हो जाएगा, स्मार्ट कार्ड बनाने की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। इस कदम से न केवल अधिकारियों की सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि आम जनता भी किसी भी अधिकारी की पहचान को आसानी से सत्यापित कर सकेगी।