स्वतंत्र समय, नई दिल्ली
यूपीएससी ने लेटरल एंट्री ( lateral entry ) से होने वाली नियुक्ति का प्रस्ताव रद्द कर दिया है। यूपीएससी ने 17 अगस्त को लेटरल एंट्री के जरिए 45 पोस्ट के लिए वैकेंसी निकाली थी। केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने मंगलवार को यूपीएससी चेयरमैन से नोटिफिकेशन रद्द करने को कहा। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के कहने पर यह फैसला लिया गया है।
lateral entry में आरक्षण का प्रावधान नहीं
लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने कहा था कि लेटरल एंट्री ( lateral entry ) में आरक्षण का प्रावधान नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया था- लेटरल एंट्री के जरिए एससी-एसटी और ओबीसी का हक छीना जा रहा है। मोदी सरकार आरएसएस वालों की लोकसेवकों में भर्ती कर रही है। राहुल के आरोप के जवाब में कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि 1976 में पूर्व पीएम मनमोहन सिंह को लेटरल एंट्री के जरिए ही फाइनेंस सेक्रेटरी बनाया गया था। इसी तरह मोंटेक सिंह अहलूवालिया को योजना आयोग का उपाध्यक्ष और सोनिया गांधी को नेशनल एडवाइजरी काउंसिल चीफ बनाया गया। मेघवाल ने कहा कि लेटरल एंट्री की शुरूआत की कांग्रेस ने की थी। अब पीएम मोदी ने यूपीएससी को नियम बनाने का अधिकार देकर सिस्टम को व्यवस्थित किया है। पहले की सरकारों में लेटरल एंट्री का कोई फॉर्मल सिस्टम नहीं था।
कांग्रेस ने भाजपा के आरक्षण छीनने के मंसूबों पर पानी फेरा
केंद्र सरकार के लेटरल एंट्री नोटिफिकेशन को रद्द करने के फैसले पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडग़े ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा- हमारे दलित, आदिवासी, पिछड़े और कमजोर वर्गों के सामाजिक न्याय के लिए कांग्रेस पार्टी की लड़ाई ने भाजपा के आरक्षण छीनने के मंसूबों पर पानी फेरा है। लेटरल एंट्री पर मोदी सरकार की चि़ट्ठी ये दर्शाती है कि तानाशाही सत्ता के अहंकार को संविधान की ताकत ही हरा सकती है।