चीनी बैलून : अमेरिका ने चीनी बैलून को F-22 fighter से मार गिराया, दोनों देशो के बीच बड़ा तनाव|

चीनी जासूसी बैलून को मार गिराने पर ड्रैगन की अमेरिका को धमकी

बैलून में विस्पोटक हथियार?

बैलून के बहाने दो शक्तिशाली (super power) देशो में वर्चस्व की लड़ाई सामने आ गयी है| अमेरिका ने चीनी जासूसी बैलून को अटलांटिक महासागर के ऊपर मार गिराया, क्योंकि बैलुन के गिरे हुए मलबे से किसि शहर का नुकसान न हो ,अमरीका वायुसेना ने इस स्पाई बैलून को F-22 Fighter से सफलतापूर्वक ब्लास्ट किया| चीनी मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स ने जहां से दावा किया है कि 60000 फीट से आधिक ऊंचाई पर बैलून उड़ने के जिस तरह का मटेरियल और तकनीक चाहिए वो अभी भी अमरीका के पास नहीं है| वही अमरीका ने इस बैलून को एक ही मिसाइल के प्रहार से सफलतापूर्वक गिराकर बता दिया की उसके पास इससे निपटने की क्षमताएं हैं|

पिछले कुछ दिनों से अमेरिका में दिख रहे चीन के जासूसी बैलून को मार गिराया गया है. राष्ट्रपति जो बाइडेन ने मैरीलैंड में पत्रकारों को बताया कि,मेने गुब्बारे को  मार गिराने के आदेश दिए थे |पेंटागन को इसके लिए सबसे उपयुक्त समय तब मिला, जब गुब्बारा समुद्र के उपर था|

अमेरिकी एयरस्पेस में उड़ रहे सर्विलांस बैलून को मार गिराए जाने के बाद चीन को आया भारी गुस्सा आया  इस पर असंतोष और विरोध जताते हुए चीन ने निंदा की है| चीन के ग्लोबल टाइम्स ने चीन के रक्षा मंत्रालय के हवाले से कहा, अमेरिका ने अंतरराष्ट्रीय कायदों का गंभीर   उल्लंघन किया है|चीन अपने वैध अधिकारों और हितों की द्रढ़ता से रक्षा करेगा, जबकि आगे ऐसे ही हालात में उसके पास इस तरह की प्रतिक्रिया देने का हक  होगा|

राष्ट्रपति जो बाइडेन ने बताया कि उनकी तरफ से इस हफ्ते की शुरुआत में ही उस बैलून को गिराने का आदेश दे दिया गया था. लेकिन इंतजार किया गया कि गुब्बारा समुद्र के ऊपर आ जाए. जब ऐसा हुआ, अमेरिकी विमान F-22 एयरक्राफ्ट ने उसे मार गिराया. जानकारी के लिए बता दें कि तीन दिनों से ये गुब्बारा अमेरिका के एयरस्पेस में मंडरा रहा था| अमेरिकी सेना द्वारा उस गुब्बारे की गतिविधि पर पैनी नजर रखी गई थी. राष्ट्रपति जो बाइडेन पर भी दबाव था कि वे उस गुब्बारे को नीचे गिराने का ऐलान करें. अब उस दबाव के बीच ही वो आदेश भी जारी हुआ और चीनी गुब्बारे को नीचे भी गिरा दिया गया|

चीन ने गुब्बारा नष्ट करने की करवाई को राजनीतिक स्टंट बताया और कहा की अमेरिका जरुरत से ज्यादा प्रतिक्रिया दे रहा है| अमेरिका चीन रिश्तो में लम्बे समय से ३६ का आंकड़ा चल रहा हैं और इस घटनाक्रम ने आग में घी डाल दिया है|

अब अमेरिका में चीनी गुब्बारे की घटना के बाद समूची  दुनिया में सतर्कता जरुरी है| यदि अमेरिकी दावे में जरा भी सचाई है तो मामला वाकई में गंभीर है| चीन अगर अमरीका में गुब्बारा उडा सकता हैं, तो अपने पड़ोसी देशो में इन्हें उड़ना उसके लिए और भी आसान होगा|

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बैलून नष्ट करने के बाद बोले अमरीकी रक्षा मंत्री लोयड ऑस्टिन

रक्षा मंत्री लायोड़ ऑस्टिन ने कहा राष्ट्रपति बईडन के निर्देश पर और कनाडा सरकार के पुरे सहयोग के साथ बैलून गिराया गया| इसके तुरंत बाद इस गुबारे द्वारा एकत्रित की गयी संवेदनशील सुचना हासिल करने के लिए भी कई जहाज और गोताखोर अमरीका ने मौके पर भेजे, जो मलबा एकत्र कर रहे है| 

चीन ने स्पाई बैलून को लेकर दी थी सफाई

चीन  ने गुब्बारे को लेकर अमेरिका के दावे पर सफाई भी दी थी. शी जिनपिंग की सरकार ने कहा था कि ये सिविल बैलून है और मौसम संबंधित रिसर्च कार्य के इस्तेमाल किया जा रहा है. ये अमेरिका के हवाई क्षेत्र में भटक गया है. चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा था, “हमने कभी भी किसी संप्रभु देश के इलाके या हवाई क्षेत्र का उल्लंघन नहीं किया है. अमेरिका ने चीन को बदनाम करने के लिए इसे बढ़ा-चढ़ाकर पेश किया है, जिसका हम विरोध करते हैं”.

चीन के जासूसी गुब्बारे पर अमेरिका क्यों बौखलाया?
रिपोर्ट्स की मानें तो चीन का जासूसी बैलून मोंटाना की मिसाइल फील्ड्स के ऊपर से गुजर रहा था। इसी क्षेत्र में अमेरिका के कुछ अहम हथियार भी रखे हैं। हालांकि, अमेरिका का कहना है कि इस क्षेत्र से जुटाई जानकारी चीन के लिए सीमित कीमती है। लेकिन किसी भी देश की तरफ से इस तरह की घुसपैठ बर्दाश्त नहीं की जा सकती।  चीन का कहना है कि अमेरिका द्वारा गुब्बारे को मार गिराना ‘अंतरराष्ट्रीय अभ्यास का गंभीर उल्लंघन’ है. उसने अमेरिका को इसका नतीजा भगुतने की धमकी भी दी है. चीनी जासूसी गुब्बारे को शूट करने से पहले फेडरल एविएशन एडमिनिस्ट्रेशन ने उत्तरी कैरोलिना में विलमिंगटन, दक्षिण कैरोलिना में चार्ल्सटन और मर्टल बीच में हवाई अड्डों के लिए ग्राउंड स्टॉप जारी किया. यानी इन हवाई अड्डों पर सारी गतिविधियां पूरी तरह बंद कर दी गईं. शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने गुब्बारे को नीचे गिराने की चेतावनी दी थी, जिसका मलबा जमीन पर लोगों और संपत्ति के लिए खतरा पैदा कर सकता था. अमेरिकी रक्षा सचिव एंटनी ब्लिंकन ने बताया कि राष्ट्रपति जो बाइडन के निर्देश के बाद हमारे लड़ाकू विमानों ने दक्षिण कैरोलिना तट पर अटलांटिक सागर के ऊपर चीनी निगरानी गुब्बारे को मार गिराया.