Mohan Bhagwat Statement In Indore : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के प्रमुख मोहन भागवत शुक्रवार को इंदौर पहुंचे, जहां उन्होंने स्वर शतकम कार्यक्रम में भाग लिया और स्वयंसेवकों को प्रेरणादायक संबोधन दिया। इस दौरान उन्होंने लाठी चलाने की कला का महत्व समझाया और भारत के अद्वितीय सामर्थ्य पर जोर दिया।
“हमारा देश पीछे नहीं रहेगा”
मोहन भागवत ने कहा, “दुनिया में जो कुछ भी है, हमारे देश के पास उससे कम नहीं है। हम किसी भी क्षेत्र में पीछे रहने वाले नहीं हैं। विश्व मंच पर पहले पंक्ति में खड़े होकर हम गर्व से बता सकते हैं कि हमारे पास क्या-क्या है।”
#WATCH | Indore, Madhya Pradesh: RSS Chief Mohan Bhagwat says, “There should not be anything that other nations have and we don’t. Our nation is not the one to stay behind. It is not a nation of poverty. We are also capable of sitting in the first line and telling people what all… https://t.co/9C79XMv9XC pic.twitter.com/a7uxHZOnTo
— ANI (@ANI) January 3, 2025
कार्यक्रमों का प्रदर्शन या व्यक्तित्व का निर्माण?
भागवत ने स्पष्ट किया कि संघ प्रदर्शन के लिए काम नहीं करता। “हम जो करते हैं, वह स्वाभाविक रूप से दिखता है। शाखाओं में होने वाले हर कार्यक्रम का मकसद व्यक्तित्व का निर्माण और सद्गुणों को बढ़ावा देना है।”
#WATCH | Indore, Madhya Pradesh: RSS Chief Mohan Bhagwat attended the Swar Shatakam Program earlier today pic.twitter.com/hsCm59ossp
— ANI (@ANI) January 3, 2025
लाठी चलाने का असली उद्देश्य
भागवत ने कहा, “लाठी चलाना झगड़े के लिए नहीं, बल्कि वीरता और आत्मविश्वास के लिए सीखा जाता है। यह कला व्यक्ति को निडर बनाती है। हम झगड़े में विश्वास नहीं रखते, लेकिन जरूरत पड़ने पर उसका सामना करने का सामर्थ्य रखते हैं।”
संस्कारों से बनता है चरित्र
आरएसएस प्रमुख ने जोर देकर कहा कि संघ के कार्यक्रम इंसान की प्रवृत्ति, स्वभाव, और संस्कारों को संवारते हैं। “लाठी चलाने का अभ्यास केवल उत्सवों के प्रदर्शन तक सीमित नहीं है; यह हमारे व्यक्तित्व और साहस का प्रतीक है।”