भोपाल में बनेगा वंदे भारत ट्रेनों का मेंटेनेंस हब, 1000 युवाओं को मिलेगा रोजगार, 300 करोड़ का प्रोजेक्ट

मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल रेल कनेक्टिविटी के मामले में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल करने जा रही है। भोपाल के पास स्थित संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़) रेलवे स्टेशन को वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों के प्रमुख मेंटेनेंस हब के रूप में विकसित किया जा रहा है। रेलवे ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए लगभग 300 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया है।

इस प्रोजेक्ट का सबसे बड़ा लाभ स्थानीय रोजगार के रूप में देखने को मिलेगा। अनुमान है कि इस मेंटेनेंस डिपो के शुरू होने से करीब 1000 युवाओं को सीधे तौर पर रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। रेलवे अधिकारियों के अनुसार, यह डिपो आधुनिक तकनीकों से लैस होगा और यहां वंदे भारत स्लीपर रैक का रखरखाव किया जाएगा।

अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस होगा डिपो

रेलवे प्रशासन ने इस प्रोजेक्ट के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। योजना के मुताबिक, संत हिरदाराम नगर स्टेशन पर मौजूदा सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। यहां आधुनिक पिट लाइनें, ऑटोमैटिक कोच वॉशिंग प्लांट और हाई-टेक मेंटेनेंस मशीनरी स्थापित की जाएंगी। यह कदम इसलिए उठाया जा रहा है क्योंकि भविष्य में भारतीय रेलवे के नेटवर्क में स्लीपर वंदे भारत ट्रेनों की संख्या बढ़ने वाली है।

वेस्ट सेंट्रल रेलवे (WCR) के अधिकारियों ने बताया कि भोपाल मंडल की भौगोलिक स्थिति देश के मध्य में होने के कारण इसे रणनीतिक रूप से चुना गया है। यहां से गुजरने वाली ट्रेनों के रखरखाव में आसानी होगी और टर्नअराउंड समय कम होगा।

रोजगार और कौशल विकास के अवसर

इस मेंटेनेंस हब के निर्माण और संचालन के लिए बड़ी संख्या में तकनीकी और गैर-तकनीकी कर्मचारियों की आवश्यकता होगी। इसमें इलेक्ट्रिकल, मैकेनिकल और सिग्नलिंग विभाग से जुड़े कार्यों के लिए स्किल्ड मैनपावर की जरूरत पड़ेगी। स्थानीय आईटीआई और पॉलिटेक्निक पास युवाओं के लिए यह एक बड़ा अवसर साबित हो सकता है।

रेलवे के सूत्रों के मुताबिक, निर्माण कार्य पूरा होने के बाद नियमित संचालन के लिए भी स्टाफ की भर्ती की जाएगी। इससे न केवल रेलवे से सीधे जुड़े लोगों को फायदा होगा, बल्कि आसपास के क्षेत्र में सहायक उद्योगों और व्यवसायों को भी गति मिलेगी।

परियोजना की मुख्य बातें

लागत: लगभग 300 करोड़ रुपये।
स्थान: संत हिरदाराम नगर (बैरागढ़), भोपाल।
उद्देश्य: वंदे भारत स्लीपर ट्रेनों का रखरखाव।
रोजगार: लगभग 1000 लोगों को।

गौरतलब है कि भारतीय रेलवे पूरे देश में वंदे भारत नेटवर्क का विस्तार कर रहा है। चेयर कार के बाद अब स्लीपर वर्जन को लॉन्च करने की तैयारी अंतिम चरण में है। ऐसे में भोपाल जैसे प्रमुख जंक्शन पर मेंटेनेंस की सुविधा होना परिचालन की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। इससे पहले भी भोपाल मंडल को वंदे भारत ट्रेनों के संचालन में प्राथमिकता मिलती रही है।