Vastu Tips: हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है। इसे देवताओं का वास मानकर पूजा की जाती है, और इसके नीचे दीपक जलाना भी एक महत्वपूर्ण धार्मिक कर्म है। पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाते समय तिल के तेल का उपयोग करना श्रेयस्कर माना जाता है। दीपक में तिल के तेल के साथ बत्ती को एक विशेष प्रकार से तैयार करना चाहिए। आमतौर पर, तिल के तेल से तैयार दीपक में एक या कई बातियाँ लगाई जाती हैं, जो कि तिल के तेल में भिगोई जाती हैं। इससे दीपक अधिक स्पष्ट और दीप्तिमान होता है, और इसे जलाने से पीपल के पेड़ के प्रति श्रद्धा और सम्मान प्रकट होता है।
हिंदू धर्म में पीपल के पेड़ की पूजा करते समय गोल बाती का दीपक जलाना शुभ माना जाता है। शास्त्रों के अनुसार, गोल बाती का दीपक जलाने से जीवन में स्थिरता और शांति आती है। यह नियम इस बात को ध्यान में रखते हुए बनाया गया है कि विभिन्न देवी-देवताओं की पूजा के लिए दीपक की बाती का प्रकार उनके विशेष स्वरूप और पूजा विधियों के अनुसार निर्धारित होता है। पीपल के पेड़ की पूजा में गोल बाती का दीपक जलाकर आप धार्मिक मान्यता के अनुसार सही प्रकार से पूजा कर सकते हैं।
पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने के लिए सबसे शुभ समय शाम 5 बजे से 7 बजे के बीच होता है। इस समय के दौरान दीपक जलाने से पूजा का पूरा फल प्राप्त होता है। पीपल के पेड़ के नीचे हमेशा सरसों के तेल या घी का दीपक जलाना चाहिए। इन सामग्रियों से दीपक जलाने से भगवान की कृपा दृष्टि बनी रहती है और पूजा का महत्व बढ़ता है।
हां, मान्यता के अनुसार, शनिवार के दिन पीपल के पेड़ की पूजा विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी के साथ पीपल के पेड़ में निवास करने की मान्यता है। इसलिए शनिवार को पीपल के पेड़ के नीचे दीपक जलाने से मां लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त होता है, और यह दिन धन, समृद्धि, और सौभाग्य के लिए विशेष माना जाता है।