भूतिया हो चुके गणपति घाट से नहीं गुजरेंगे अब वाहन

सबसे बड़े ब्लैक स्पाट मुंबई-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग के राऊ खलघाट जोन के गणपति घाट से अब वाहन नहीं गुजरेगें। यहां पर अब वाहनों का आवागमन बंद कर दिया जाएंगा। इस मार्ग को लोग भूतिया मार्ग बोलने लगे थे। यहां प्रतिदिन हादसे होना आम बात हो गई थी। शायद ही कोई दिन निकलता होगा, जब यहां पर कोई हादसा नहीं होता था । यहां पर रोज हादसे होने के कारण इस मार्ग को  आसपास लोगों सहित कई लोग भूतिया घाट बोलने लगे थे। लोगों का कहना था कि यहां पर रोज एक्सीडेन्ट होते है ऐसे में हादसे में कई लोगों की जान जा चुकी है। अब इस घाट पर अकाल मौत मरने वाले लोगों की आत्मा भटकती है और वह अन्य वाहनों की भी प्रतिदिन टक्कर करा देती है। लोगों में इस बात का भय इतना व्याप्त हो गया था कि यहां से स्थानिय लोग गुजरने की बजाए लंबे किसी अन्य मार्ग का उपयोग कर लेते थे, लेकिन गणपति घाट से नहीं गुजरते थे। खैर यह तो यहां आसपास के लोगों का कहना ही था। इसकी वास्तविकता यह थी कि गणपति घाट के निर्माण के समय से ही यहां पर कई तकनीकी खामियां थी। जिन्हें दूर कर पाने में असमर्थ राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी गणपति घाट पर सड़क निर्माण के दौरान हुई तकनीकी खामियां को दूर नहीं पाए तो इन्होनें एक नए बायपास का निर्माण करने का प्रस्ताव तैयार किया था। यह राहत वाली खबर है कि बायपास का निर्माण पूर्ण हो चुका है और जल्द ही बायपास से वाहन गुजरगें। इसकों लेकर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने निरीक्षण कर लिया है अब जल्द ही वैकल्पिक मार्ग से वाहन गुजरेगें।

वाहन की गति पहुंच जाती थी 70 की स्पीड पर

गणपति घाट को पंद्रह साल पहले इंदौर- खलघाट तक फोरलेन निर्माण के दौरान बनाया गया था। वहीं गणपति घाट के पहाड़ों को काट कर बीच से चार किलोमीटर के हिस्से में रास्ता बनाया गया था, लेकिन यहां निर्माण के दौरान ढलान पर ध्यान नहीं दिया। खड़े ढलान से यहां हादसे होन लगे। यहां का ढलान इतना खतरनाक है  कि यदि जीरो स्पीड में वाहन चले और ब्रेक न लगाए जाएं तो ढाई किलोमीटर के बाद वाहन की स्पीड 70 तक पहुंच जाती है।

लगभग 400 से लोगों की जा चुकी है जान

गणपति मार्ग के निर्माण के बाद से अब तक इस मार्ग पर होने वाले हादसों में  सरकारी आंकड़ो के अनुसार लगभग 400 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है। वहीं कई लोग जीवनभर के लिए दिव्यांगता का सामना करना पड़ रह है। यहां 2018 में सबसे ज्यादा 35 लोगों की एक साथ जान चली गई थी।

वाहनो के अचानक से हो जाते थे ब्रेक फेल

घाट पर भारी वाहनों के ब्रेक फेल हो जाते थे। भारी वाहन जिसमें पत्थर या भारी सामान रखा रहता था, जिसका लोड ढलान की वजह से वाहन के कैबिन की तरफ आने लगता और वाहनों के ब्रेक फेल हो जाते। जो दूसरे वाहनों को चपेट में ले लेते हैं। घर्षण के कारण वाहनों में आग लग जाती है।

वैकल्पिक मार्ग से लगेगी हादसों पर लगाम

यहां पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारियों ने वैकल्पिक मार्ग का निर्माण करने का जो कार्य शुरू किया था वह पूर्ण हो चुका है। इंदौर से महाराष्ट्र जाने वाले  वाहन अब नए वैकल्पिक मार्ग से गुजरेंगे। वहीं वैकल्पिक मार्ग पर राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण के अधिकारी निरीक्षण कर रहे है। यहां दिन में यातायात की क्या स्थिति रहेगी, रात में क्या स्थिति बनेगी, यहां तक कोहरे के समय क्या स्थिति रहेगी। वहीं वर्षा के दिनों में वैकल्पिक मार्ग पर कितना जल जमाव हो सकता है इसके सहित कई बातों पर निरीक्षण चल रहा है। अधिकारियों की ग्रीन झंड़ी मिलते ही गणपति घाट से गुजरने वाले वाहन अब बायपास से गुजरेंगे जिससे यहां हो रहे हादसों बंद हो जाएंगे।