वेंकैया नायडू ने कांग्रेस से आपातकाल के लिए माफी की मांग की

वेंकैया नायडू : पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहां कि कांग्रेस को 1975 में लगाए गए आपातकाल के लिए देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए। नायडू ने कहा कि आपातकाल एक कठोर कदम था, जिससे नागरिकों और अधिकारियों के अधिकार छीन लिए गए  थे। एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि जब आपातकाल लागू हुआ, तब वे आंध्र प्रदेश विश्वविद्यालय में छात्र संघ के नेता थे और उन्हें भी डेढ़ साल तक जेल में रहना पड़ा था। यह उनके लिए एक कठिन अनुभव था, और उन्होंने इस स्थिति को नकारात्मक रूप में देखा।

कांग्रेस से नागरिक अधिकार छीनने के लिए माफी की अपील

पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने बोला कांग्रेस को 1975 में लगाए गए आपातकाल के लिए देशवासियों से माफी मांगनी चाहिए। नायडू ने कहा कि कांग्रेस को इस पर पछतावा होना चाहिए, लेकिन पार्टी ने कभी माफी नहीं मांगी। अब जब आपातकाल लागू हुए 50 साल होने जा रहे हैं, तो कांग्रेस को इस पर सार्वजनिक रूप से पछतावा जताना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि कांग्रेस को लोगों के नागरिक अधिकार छीनने, मीडिया पर सेंसरशिप लगाने और प्रदर्शन करने का अधिकार छीनने के लिए माफी मांगनी चाहिए।

मीडिया की आज़ादी पर लगा ताला

पूर्व उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने बोला कि 25 जून 1975 को इंदिरा गांधी की सरकार ने देश में आपातकाल लगाया, जो 21 मार्च 1977 तक चला। उस समय मीडिया पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए और प्रेस काउंसिल एक्ट में बदलाव किया गया। नायडू छात्रसंघ अध्यक्ष थे और उन्होंने जयप्रकाश नारायण को बुलाया था, जिस पर उन्हें मीसा कानून के तहत गिरफ्तार किया गया। गिरफ्तारी से बचने के लिए वे ढाई महीने छिपे रहे, लेकिन सितंबर 1975 में उन्हें जेल भेज दिया गया।