Vice President Election 2025: आज होगा नए उपराष्ट्रपति का चुनाव, जगदीप धनखड़ के उत्तराधिकारी पर टिकी नजरें

देश के 17वें उपराष्ट्रपति के चुनाव के लिए आज यानी 9 सितंबर को संसद भवन में मतदान होगा। वोटिंग की प्रक्रिया सुबह 10 बजे से शुरू होकर शाम 5 बजे तक चलेगी। इस चुनाव में लोकसभा के 542 और राज्यसभा के 239 सांसद अपने मताधिकार का उपयोग करेंगे। परंपरा के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सबसे पहले वोट डालेंगे।

एनडीए सांसदों की ब्रेकफास्ट मीटिंग

मतदान शुरू होने से पहले एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) की ओर से सभी सांसदों की सुबह 9:30 बजे ब्रेकफास्ट मीटिंग बुलाई गई है। इसमें एनडीए उम्मीदवार को लेकर रणनीति साझा की जाएगी और सांसदों को मतदान प्रक्रिया से जुड़ी आवश्यक जानकारियां दी जाएंगी।

एनडीए बनाम इंडिया ब्लॉक: दो बड़े चेहरे आमने-सामने

इस बार उपराष्ट्रपति पद की सीधी टक्कर एनडीए उम्मीदवार सी.पी. राधाकृष्णन और इंडिया ब्लॉक के प्रत्याशी बी. सुदर्शन रेड्डी के बीच है। मतदान खत्म होने के बाद शाम 6 बजे से मतगणना शुरू होगी और देर रात तक नतीजे आने की संभावना है।

सी.पी. राधाकृष्णन: एनडीए का ईमानदार चेहरा

राजग ने इस चुनाव के लिए महाराष्ट्र के मौजूदा राज्यपाल और वरिष्ठ भाजपा नेता सी.पी. राधाकृष्णन को उम्मीदवार बनाया है। उनकी पहचान एक साफ-सुथरी छवि वाले, सौम्य और अनुभवशील नेता की है। वे विवादों से दूर रहते हैं और राजनीतिक जगत में उनकी ईमानदारी की छवि लंबे समय से बनी हुई है। भाजपा मानती है कि उनका नाम एनडीए के लिए एक सकारात्मक संदेश लेकर जाएगा।

राधाकृष्णन का राजनीतिक सफर और सामाजिक पृष्ठभूमि

68 वर्षीय राधाकृष्णन तमिलनाडु के गौंडर-कोंगु वेल्लालर समुदाय से आते हैं, जिसे ओबीसी वर्ग में गिना जाता है। वे तमिलनाडु से भाजपा के कुछ चुनिंदा नेताओं में शामिल हैं जिन्हें लोकसभा में प्रतिनिधित्व करने का अवसर मिला। उन्होंने 1998 और 1999 में कोयंबटूर लोकसभा सीट से लगातार दो बार जीत दर्ज की थी। जुलाई 2024 से वे महाराष्ट्र के राज्यपाल के रूप में कार्यरत हैं। चुनाव की तैयारियों के दौरान उन्होंने देशभर के सांसदों से व्यक्तिगत संपर्क साधा और समर्थन मांगा।

विपक्षी उम्मीदवार बी. सुदर्शन रेड्डी

इंडिया ब्लॉक ने एनडीए के उम्मीदवार के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को मैदान में उतारा है। 79 वर्षीय रेड्डी का न्यायिक क्षेत्र में लंबा और प्रभावशाली अनुभव रहा है। वे जुलाई 2011 में सर्वोच्च न्यायालय से सेवानिवृत्त हुए थे।

न्यायिक जीवन में सुदर्शन रेड्डी के फैसले

रेड्डी ने अपने करियर में कई अहम और ऐतिहासिक निर्णय दिए। उन्होंने छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा नक्सलियों के खिलाफ बनाए गए विवादास्पद ‘सलवा जुडूम बल’ को असंवैधानिक घोषित किया था। इसके अलावा काले धन के मामलों में केंद्र सरकार की ढिलाई पर उन्होंने सख्त रुख अपनाया था। वे आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के न्यायाधीश और गुवाहाटी हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भी रहे। साथ ही, उन्होंने तेलंगाना में जातिगत सर्वेक्षण से जुड़ी एक महत्वपूर्ण समिति का नेतृत्व भी किया।

उपराष्ट्रपति चुनाव में ईवीएम का इस्तेमाल क्यों नहीं होता?

राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया सामान्य लोकसभा या विधानसभा चुनाव से बिल्कुल अलग होती है। इन चुनावों में एकल संक्रमणीय मत प्रणाली (Single Transferable Vote System) अपनाई जाती है, जो आनुपातिक प्रतिनिधित्व पर आधारित है। इस प्रणाली में हर सांसद अपने मतपत्र पर उम्मीदवारों को वरीयता क्रम में अंक देता है – जैसे 1, 2, 3 इत्यादि। चूंकि ईवीएम इस जटिल प्रणाली को सपोर्ट नहीं कर पाती, इसलिए इन चुनावों में अब भी पारंपरिक पेपर बैलेट का ही उपयोग किया जाता है।