Vidhansabha: 4 लाख करोड़ से अधिक का होगा बजट, 2939 सवाल लगे

स्वतंत्र समय, भोपाल

मप्र विधानसभा ( Vidhansabha ) का बजट सत्र सोमवार शुरू होने जा रहा है। सत्र के लिए विधायकों ने 2939 सवाल लगाए हैं।सचिवालय को 1785 सवाल ऑनलाइन मिले हैं जबकि 1154 प्रश्न ऑफलाइन लगाए गए हैं। पहले दिन राज्यपाल का अभिभाषण होगा और 12 मार्च को बजट पेश किया जाएगा। उधर, विपक्ष ने हर मुद्दे पर सरकार को घेरने की तैयारी की है।

Vidhansabha में सप्लीमेंट्री बजट किया जाएगा पेश

विधानसभा ( Vidhansabha ) में राज्यपाल के अभिभाषण पश्चात सदन की कार्यवाही स्थगित हो जाएगी और 11 मार्च को प्रश्नकाल के बाद दूसरा सप्लीमेंट्री बजट पेश किया जाएगा। 11 मार्च को ही आर्थिक सर्वेक्षण आएगा। इसके बाद राज्यपाल के अभिभाषण पर चर्चा होगी। 12 मार्च को वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट पेश किया जाएगा। 13 मार्च को प्रश्नकाल के बाद राज्यपाल के अभिभाषण और बजट पर चर्चा होगी। बजट के अगले दिन चर्चा होने के बाद 14 मार्च को होली की छुट्टी रहेगी। 15 मार्च को शनिवार और 16 मार्च को रविवार का अवकाश होगा। 17 मार्च को प्रश्नकाल के बाद दूसरे सप्लीमेंट्री बजट को मतदान कराकर पारित कराया जाएगा।

18 मार्च को प्रश्नकाल, मांगों पर मतदान होगा

19 मार्च को रंगपंचमी की छुट्टी रहेगी। 20 मार्च को प्रश्नकाल के बाद मांगों पर मतदान और बजट पर चर्चा होगी। 21 मार्च को प्रश्नकाल के बाद बजट पर चर्चा कराकर पारित किया जाएगा। इसके बाद अशासकीय संकल्प और विधेयक पेश किए जाएंगे। बजट सत्र में विपक्ष आरटीओ के करोड़पति कॉन्स्टेबल सौरभ, कपास और धान उपार्जन में घोटाला, भर्ती परीक्षाओं में गड़बड़ी, लाड़ली बहना योजना की राशि न बढ़ाए जाने जैसे मुद्दों को लेकर सरकार को घेरेगा। वहीं, भाजपा ने अपने विधायकों से कहा है कि वे आंकड़ों के साथ विधानसभा पहुंचें। किस योजना से उनके क्षेत्र और प्रदेश में क्या बदलाव आए, उसे सदन के पटल पर रखें।

4 लाख करोड़ से ज्यादा का हो सकता है बजट

डिप्टी सीएम एवं वित्त मंत्री जगदीश देवड़ा 12 मार्च को वित्तीय वर्ष 2025-26 का बजट विधानसभा में पेश करेंगे। इस बार का बजट 4 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का होगा। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की प्राथमिकता वाली चार जातियों- गरीब, किसान, महिला एवं युवा पर फोकस रहेगा। खास बात ये है कि वर्ष 2028 में होने जा रहे सिंहस्थ के लिए विशेष प्रावधान किए जाएंगे। सरकार पूंजीगत व्यय और बढ़ाकर 70 हजार करोड़ रुपए से अधिक कर सकती है।