विद्या बालन की डेब्यू फिल्म ‘Parineeta’ 20 साल बाद फिर सिनेमाघरों में मचाएगी धूम

Parineeta: बॉलीवुड की प्रतिभाशाली अभिनेत्री विद्या बालन की पहली फिल्म ‘परिणीता’ को रिलीज हुए दो दशक पूरे हो चुके हैं, और अब यह क्लासिक फिल्म एक बार फिर सिनेमाघरों में दर्शकों का दिल जीतने के लिए तैयार है। 2005 में रिलीज हुई यह फिल्म, जो शरतचंद्र चट्टोपाध्याय के प्रसिद्ध उपन्यास पर आधारित है, अपनी भावनात्मक गहराई, शानदार अभिनय और मधुर संगीत के लिए आज भी याद की जाती है। 20 साल बाद, यह फिल्म नए और पुराने दर्शकों के लिए फिर से बड़े पर्दे पर लौट रही है, जो निश्चित रूप से सिनेमा प्रेमियों के लिए एक खास अनुभव होगा।

Parineeta’ का जादू: कहानी और किरदार

‘परिणीता’ एक प्रेम कहानी है जो कोलकाता की पृष्ठभूमि में सेट है, जिसमें प्रेम, बलिदान और सामाजिक बंधनों की जटिलताओं को बखूबी दर्शाया गया है। विद्या बालन ने इस फिल्म में ललिता के किरदार को इतनी संवेदनशीलता और गहराई से निभाया कि उनकी प्रतिभा ने तुरंत दर्शकों और आलोचकों का ध्यान खींच लिया। उनके साथ संजय दत्त (शेखर) और सैफ अली खान (गिरीश) ने भी अपनी शानदार अदाकारी से कहानी को और जीवंत बना दिया।

फिल्म का निर्देशन प्रदीप सरकार ने किया था, और इसे विद्या बालन के करियर का एक महत्वपूर्ण पड़ाव माना जाता है। उनकी सहज अभिनय शैली और स्क्रीन पर मौजूदगी ने उन्हें बॉलीवुड में एक मजबूत पहचान दिलाई।

20 साल बाद फिर रिलीज: क्यों खास है यह मौका?

2025 में ‘Parineeta’ की री-रिलीज न केवल नॉस्टैल्जिया को जीवंत करेगी, बल्कि नई पीढ़ी को उस दौर के सिनेमा की खूबसूरती से रूबरू कराएगी। इस री-रिलीज के पीछे कई कारण हैं। ‘परिणीता’ अपने समय की एक उत्कृष्ट फिल्म थी, जिसने साहित्यिक कहानी को सिनेमाई कला में बदला। इसे फिर से रिलीज करना उस दौर की कहानी कहने की शैली को सेलिब्रेट करने का एक तरीका है। 

फिल्म का संगीत: आज भी ताजा

‘Parineeta ‘ का संगीत, जिसे शांतनु मोइत्रा ने कंपोज किया था, आज भी उतना ही मधुर और लोकप्रिय है। गाने जैसे “पिया बोले ना”, “कैसी पायल है रंगीली” और “रात हमारी तो” ने उस समय लाखों दिलों को छुआ था और आज भी संगीत प्रेमियों की प्लेलिस्ट में शामिल हैं। सिनेमाघरों में इन गानों को फिर से अनुभव करना दर्शकों के लिए एक भावनात्मक यात्रा होगी।