विक्रांत मैसी ने श्री श्री रविशंकर की बायोपिक ‘White’ की शूटिंग कोलंबो में शुरू की: रिपोर्ट

बॉलीवुड के उभरते सितारे विक्रांत मैसी एक बार फिर सुर्खियों में हैं। इस बार वह आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर की जिंदगी पर आधारित बायोपिक ‘White’ में मुख्य भूमिका निभाने जा रहे हैं। ताजा खबरों के अनुसार, विक्रांत ने इस महत्वाकांक्षी फिल्म की शूटिंग शुरू कर दी है, जिसका अधिकांश हिस्सा श्रीलंका की राजधानी कोलंबो में फिल्माया जाएगा। यह फिल्म न केवल श्री श्री रविशंकर के आध्यात्मिक योगदान को उजागर करेगी, बल्कि उनके वैश्विक शांति प्रयासों, विशेष रूप से कोलंबिया के गृहयुद्ध को समाप्त करने में उनकी भूमिका को भी रेखांकित करेगी।

कोलंबो में शुरू हुआ फिल्म का शूटिंग शेड्यूल

सूत्रों के अनुसार, विक्रांत मैसी ने हाल ही में ‘व्हाइट’ की शूटिंग के लिए कोलंबो की यात्रा की है। इस फिल्म का लगभग 90% हिस्सा कोलंबो में फिल्माया जाएगा, जिसमें एक महीने का गहन शूटिंग शेड्यूल शामिल है। इस दौरान फिल्म की कई महत्वपूर्ण दृश्यों को कैमरे में कैद किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट एक बड़े पैमाने पर बनाया जा रहा है, जिसमें अंतरराष्ट्रीय स्तर की क्रू और तकनीशियनों की भागीदारी है। खास बात यह है कि इस फिल्म में ‘नारकोस’ जैसे लोकप्रिय शो में काम कर चुके कुछ विशेषज्ञ भी शामिल हैं, जो इसे और भी भव्य बनाएंगे।

White: श्री श्री रविशंकर की कहानी को जीवंत करने की चुनौती

विक्रांत मैसी, जो ’12वीं फेल’ और ‘सेक्टर 36’ जैसी फिल्मों में अपनी शानदार अभिनय क्षमता के लिए जाने जाते हैं, इस बायोपिक में श्री श्री रविशंकर की भूमिका को पूरे समर्पण के साथ निभाने के लिए तैयार हैं। उन्होंने इस किरदार की तैयारी के लिए गहन शोध किया है और श्री श्री रविशंकर से व्यक्तिगत रूप से मिलकर उनकी जिंदगी के विभिन्न पहलुओं को समझा है। विक्रांत ने एक साक्षात्कार में कहा, “उनके साथ बिताया हर पल मेरे लिए अविस्मरणीय है। मैं उनके जैसा बनने की कोशिश नहीं कर सकता, लेकिन मैं पूरी ईमानदारी के साथ यह भूमिका निभाने का प्रयास करूंगा।”

‘White’ की कहानी और वैश्विक अपील

‘व्हाइट’ एक ग्लोबल थ्रिलर के रूप में प्रस्तुत की जा रही है, जो श्री श्री रविशंकर के जीवन के उन पहलुओं पर प्रकाश डालेगी, जो अब तक अपेक्षाकृत अनजान रहे हैं। यह फिल्म खास तौर पर उनके कोलंबिया के 52 साल लंबे गृहयुद्ध को समाप्त करने में योगदान को केंद्र में रखेगी, जो आधुनिक शांतिप्रक्रिया का एक महत्वपूर्ण लेकिन कम चर्चित अध्याय है।