गांव वाले चलाते हैं रेलवे स्टेशन खुद काटते हैं अपनी टिकट

स्वतंत्र समय, जयपुर

भारत में एक ऐसा रेलवे स्टेशन भी है, जिसे सरकार नहीं, बल्कि गांववाले चलाते हैं। इस रेलवे स्टेशन पर एक भी सरकारी कर्मचारी नहीं होता है। गांव वाले खुद अपनी टिकट काटते हैं और ट्रेन की सवारी करते हैं, जबकि आज तक आपको यही जानकारी होगी कि भारतीय रेलवे का संचालन भारत सरकार करती है। रेलवे के सारे फैसले, उसके डेवलपमेंट कार्य, उसकी देखभाल सब कुछ सरकार ही करती है।

राजस्थान में है ऐसा रेलवे स्टेशन

राजस्थान के सीकर-चूरू मार्ग पर स्थित रसीदपुरा खोरी रेलवे स्टेशन को भारतीय रेलवे ने घाटे का हवाला देकर 2004 में बंद कर दिया था। लेकिन इसके बंद होने से गांव वालों को आवागमन में परेशानी होती। इस वजह से उन्होंने रेलवे से काफी मिन्नतें की। रेलवे ने कुछ शर्तों के साथ इस स्टेशन का संचालन शुरू किया। रेलवे के मुताबिक, अगर इस जगह से तीन लाख टिकट की बिक्री होगी, तब ही इसे शुरू किया जाएगा। ग्रामीणों की मदद से आखिरकार ये स्टेशन शुरु हो गया। इस स्टेशन की साफ-सफाई से लेकर टिकट काटने तक का काम ग्रामीण ही करते हैं। रशीदपुरा का खोरी रेलवे स्टेशन देशभर के लिए नजीर बना हुआ है।

विभाग ने शर्त के साथ खोला रेलवे स्टेशन

इस रेलवे स्टेशन को 1942 में बनाया गया था, लेकिन रेलवे को इससे नुकसान हो रहा था। ज्यादा लोग इस जगह से टिकट नहीं खरीदते थे। इस वजह से 2004 में इसे बंद कर दिया गया। ऐसे में आसपास के लोगों को कहीं जाने में परेशानी होने लगी। लोगों ने रेलवे से काफी मिन्नतें मांगी। आखिऱकार रेलवे ने स्टेशन को दुबारा संचालित करने के लिए कुछ शर्त रखी। रेलवे के मुताबिक, अगर इस जगह से तीन लाख टिकट की बिक्री होगी, तब ही इसे शुरू किया जाएगा। ग्रामीणों की मदद से आखिरकार ये स्टेशन शुरु हो गया।