PM मोदी : मानसून में सड़कें टूटना और जलभराव आम बात है। अब केंद्र सरकार ने पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत बनने वाली सड़कों पर क्यूआर कोड लगाने का फैसला किया है। इससे लोग सड़क की जानकारी और शिकायत सीधे ऑनलाइन कर सकेंगे। इससे सड़क की गुणवत्ता में सुधार होगा।
प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना की शुरुआत में इसकी पूरी लागत केंद्र सरकार उठाती थी, लेकिन 2015-16 से इसमें बदलाव हुआ और अब 60% फंड केंद्र और 40% राज्य सरकार देती है पूर्वोत्तर और हिमालयी राज्यों को छोड़कर। योजना के चौथे चरण के तहत सरकार ने 62,500 किलोमीटर सड़कों के निर्माण के लिए 70,125 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं।
गांव की सड़कों की गुणवत्ता सुधारने की तैयारी शुरू, सरकार ने बनाया प्लान
ग्रामीण विकास मंत्रालय की एजेंसी एनआरआईडीए ने राज्यों को निर्देश दिए हैं कि पीएम ग्राम सड़क योजना के तहत बनी सड़कों पर क्यूआर कोड लगाए जाएं। इसका मकसद है कि लोग इन सड़कों की हालत को लेकर अपनी राय दे सकें। क्यूआर कोड स्कैन कर लोग शिकायत या सुझाव भेज सकेंगे। ये फीडबैक सीधे मंत्रालय तक पहुंचेगा, जिससे सड़क की गुणवत्ता सुधारी जा सकेगी।
सड़क की खराब हालत? अब सीधे सरकार को दें फीडबैक, जानें आसान तरीका
सरकार अब आम लोगों को सड़कों की हालत पर राय देने का मौका दे रही है। इसके लिए हर सड़क पर एक क्यूआर कोड लगाया जा रहा है, जिसे लोग अपने मोबाइल से स्कैन कर सकेंगे। यह क्यूआर कोड सड़क के पास लगे बोर्ड पर होगा। इसे स्कैन करने पर सड़क की स्थिति, मरम्मत और देखरेख से जुड़ी जानकारी मिलेगी। अगर कोई शिकायत करनी हो, तो दो फोटो अपलोड करनी होंगी और अपनी बात भी लिखकर भेजी जा सकती है। यह प्रक्रिया स्थानीय भाषा और अंग्रेजी दोनों में समझाई जाएगी।