Vinayak Chaturthi 2025 Date: हिंदू धर्म में फाल्गुन माह का विशेष महत्व बताया गया है, क्योंकि इस महीने में महाशिवरात्रि और होली जैसे बड़े त्योहार मनाए जाते हैं। इस माह में विभिन्न तिथियों का भी विशेष महत्व होता है। शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि के अगले दिन विनायक चतुर्थी आती है, जो भगवान गणेश को समर्पित होती है। इस दिन व्रत और पूजा-अर्चना करने से विशेष शुभ फल की प्राप्ति होती है।
भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, क्योंकि वे अपने भक्तों के सभी संकट और परेशानियों को दूर करते हैं। हिंदू धर्म में किसी भी मांगलिक कार्य की शुरुआत से पहले भगवान गणेश की पूजा की जाती है। ऐसा माना जाता है कि उनकी पूजा करने से जीवन के सभी दुख और बाधाएं समाप्त हो जाती हैं। नए कार्य की शुरुआत में उनका नाम लेने से सफलता और शुभ फल प्राप्त होते हैं तथा कार्य में कोई अड़चन नहीं आती। यही कारण है कि वे “प्रथम पूज्य” देवता माने जाते हैं।
फाल्गुन माह के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि 2 मार्च को सुबह 2:01 बजे शुरू होगी और 3 मार्च को शाम 6:02 बजे समाप्त होगी। हिंदू धर्म में त्योहारों का निर्धारण उदयातिथि के अनुसार किया जाता है, इसलिए विनायक चतुर्थी का पर्व 3 मार्च को मनाया जाएगा। इस दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना और व्रत करने से सभी विघ्न-बाधाएं दूर होती हैं और सुख-समृद्धि प्राप्त होती है।
विनायक चतुर्थी पूजा विधि
विनायक चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना का विशेष महत्व होता है। इस दिन भक्त पूरी श्रद्धा के साथ व्रत और पूजा करते हैं ताकि सभी विघ्न-बाधाएं दूर हों और जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहे।
पूजा विधि
1.स्नान और संकल्प:
•सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
•इसके बाद भगवान गणेश का ध्यान करें और व्रत का संकल्प लें।
2.पूजा की तैयारी:
•शुभ मुहूर्त देखकर पूजा स्थल पर एक चौकी रखें और उस पर लाल कपड़ा बिछाएं।
•चौकी पर भगवान गणेशजी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें।
•गंगाजल छिड़ककर पूजा स्थल को शुद्ध करें।
3.पूजा सामग्री और विधि:
•भगवान गणेश को सिंदूर का तिलक करें।
•उनके समक्ष धूप-दीप जलाएं।
•भगवान को फूल और दूर्वा घास अर्पित करें।
•मोदक, लड्डू या अन्य प्रिय भोग अर्पित करें।
4.आरती और प्रसाद वितरण:
•भगवान गणेश की आरती करें और उनके भजनों का कीर्तन करें।
•पूजा के बाद भोग को परिवार और भक्तों में बांटें।
विनायक चतुर्थी का व्रत करने से सभी इच्छाएं पूर्ण होती हैं और जीवन में सकारात्मकता और खुशहाली आती है।