आज की दौड़ती-भागती जिंदगी में लोग खान-पान पर ठीक से ध्यान नहीं दे पाते, जिसका असर धीरे-धीरे उनके शरीर पर पड़ने लगता है। ऐसी ही एक गंभीर समस्या है विटामिन B12 की कमी, जो शुरुआत में तो मामूली लगती है, लेकिन धीरे-धीरे शरीर को अंदर से कमजोर बना देती है। अगर समय रहते ध्यान न दिया गया तो इससे नर्वस सिस्टम डैमेज, कमजोरी, याददाश्त की कमी और कई बार दिल की बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है।
क्या है विटामिन B12?
विटामिन B12 एक ऐसा पोषक तत्व है जो शरीर के स्नायु तंत्र (नर्व सिस्टम) और ब्लड सेल्स को स्वस्थ रखने में मदद करता है। यह शरीर में DNA बनाने और लाल रक्त कोशिकाएं (RBCs) बनाने के लिए भी जरूरी होता है। इसकी कमी से शरीर में कई तरह की दिक्कतें होने लगती हैं।
विटामिन B12 की कमी के 10 आम लक्षण
अगर आपके शरीर में विटामिन B12 की कमी हो रही है, तो कुछ लक्षण साफ नजर आने लगते हैं। जैसे कि – लगातार थकान और कमजोरी महसूस होना, सांस चढ़ना या हल्की सी मेहनत में ही थक जाना, हाथ-पैरों में झुनझुनाहट या सुन्नपन, मूड स्विंग्स, चिड़चिड़ापन और डिप्रेशन जैसी मानसिक समस्याएं। इसके अलावा याददाश्त कमजोर होना, जीभ का लाल या सूजा हुआ दिखना, चक्कर आना, दिल की धड़कन तेज होना, त्वचा का पीला पड़ना और पाचन से जुड़ी समस्याएं जैसे कब्ज या भूख न लगना भी इसके संकेत हो सकते हैं। अगर इनमें से 3-4 लक्षण लगातार दिख रहे हैं, तो डॉक्टर से तुरंत जांच कराना जरूरी है, वरना यह समस्या गंभीर रूप ले सकती है।
किन लोगों को ज्यादा खतरा?
विटामिन B12 की कमी सबसे ज्यादा उन लोगों में देखी जाती है जो शाकाहारी हैं, क्योंकि यह विटामिन मुख्य रूप से पशु उत्पादों में पाया जाता है। इसके अलावा 50 साल से ऊपर के लोग, पेट की सर्जरी से गुजर चुके लोग या जो क्रॉनिक एसिडिटी और लंबे समय से एंटीबायोटिक या मेटफॉर्मिन जैसी दवाएं ले रहे हैं, उन्हें भी यह कमी हो सकती है। इसकी पूर्ति के लिए दूध, दही, पनीर, अंडा, और मछली व चिकन जैसे खाद्य पदार्थों को डाइट में शामिल करें। ज़रूरत पड़ने पर B12 सप्लीमेंट्स भी लिए जा सकते हैं, लेकिन डॉक्टर की सलाह जरूरी है।