स्वतंत्र समय, मथुरा
अब वृंदावन ( Vrindavan ) को नए सिरे से संवारने की तैयारी है। हाथरस हादसे के बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिये थे, कि ऐसे धार्मिक स्थलों पर व्यवस्था बेहतर की जाये, जहां श्रद्धालुओं की संख्या ज्यादा रहती है। इसी को लेकर गुरुवार को मुख्य सचिव और डीजीपी वृंदावन पहुंचे और बांके बिहारी मंदिर में व्यवस्थाओं का जायजा लिया। जिसमें वृंदावन आने वाले श्रद्धालुओं के लिए पार्किंग व्यवस्था बेहतर की जायेगी। बांके बिहारी मंदिर के पास पार्किंग की व्यवस्था की
योजना है।
काशी की तर्ज पर बनेगा Vrindavan कॉरिडोर
वृंदावन ( Vrindavan ) आने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ को कंट्रोल करने की उचित व्यवस्था की जायेगी। बांके बिहारी मंदिर में ग्रुप्स में श्रद्धालुओं को भेजने की योजना है। बांके बिहारी मंदिर तक जाने के संकरे रास्तों का समाधान निकाला जायेगा ताकि श्रद्धालुओं को मंदिर परिसर तक जाने में दिक्कत ना हो। इसके अलावा लाखों की संख्या में वृंदावन पहुंचने वाले श्रद्धालुओं के रात में ठहरने की व्यवस्था का प्लान भी तैयार किया जायेगा। वृंदावन को संवारने का प्लान, काशी विश्वनाथ कॉरिडोर की तर्ज पर वृंदावन में कॉरिडोर बनाने की चर्चा है। इससे श्रद्धालुओं को सुविधा होगी। योगी सरकार का मकसद वृंदावन में श्रद्धालुओं के लिए बेहतर व्यवस्था करना है।
मुख्य सचिव, डीजीपी ने किया दौरा
यूपी के डीजीपी और मुख्य सचिव ने वृंदावन का दौरा किया, जिससे काफी हद तक साफ हो गया कि अब वृंदावन की तस्वीर बदलने वाली है। योगी सरकार ने वृंदावन के कायाकल्प का खाका तैयार कर लिया है। वृंदावन में पीक डेज में 7 से 10 लाख श्रद्धालु मंदिरों में दर्शन के लिए पहुंचते हैं। लेकिन बांके बिहारी मंदिर समेत कई ऐसे मंदिर हैं जहां रास्ते संकरे हैं और भीड़ ज्यादा हो जाती है। इससे श्रद्धालुओं को क्या दिक्कतें होती हैं और उनका समाधान क्या हो। इसी मकसद के साथ आज अधिकारी वृंदावन दौरे पर थे।
276 से ज्यादा भवनों का होगा अधिग्रहण
हाथरस हादसे के बाद योगी सरकार एक्शन में है। हालांकि, वृंदावन में कॉरिडोर बनाने का प्लान तैयार है। इस प्लान के तहत कॉरिडोर के लिए 276 से ज्यादा दुकानों और मकानों का अधिग्रहण किया जायेगा। जिसमें 149 आवासीय, 66 व्यवसायिक और 57 दूसरे भवन शामिल हैं। इस पर करीब 505 करोड़ रुपये लागत का अनुमान है।
तंग गलियों से परेशान होते हैं श्रद्धालु
वृंदावन आने वाले श्रद्धालु तंग गलियों और सुुविधाओं के अभाव से अक्सर परेशान होते हैं। जिनका मानना है कि अगर कॉरिडोर बनता है तो ये सरकार का बेहतर कदम होगा। श्रद्धालुओं की अपनी राय है, लेकिन कॉरिडोर बनने के लिए कुछ स्थानीय लोगों के घर और दुकानों की अधिग्रहण होगा। जिसे लेकर वृंदावन के लोग अलग अलग राय रखते हैं। योगी सरकार का मकसद श्रद्धालुओं को सुविधाजनक तरीके से वृंदावन में तीर्थ यात्रा कराना है। साथ ही हाथरस जैसे हादसे की कभी स्थिति ना बने, उसकी भी व्यवस्था करना है।