स्वतंत्र समय, भोपाल
व्यावसायिक परीक्षा मंडल व्यापमं ( Vyapam Scam ) (अब कर्मचारी चयन मंडल) में हुए पीएमटी फर्जीवाड़े का मामला एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा गया है। पूर्व विधायक व कांग्रेस नेता पारस सकलेचा ने दो महीने पहले सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाकर कुछ बिंदुओं पर फिर से जांच की मांग की है। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने मप्र सरकार और सीबीआई को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
Vyapam Scam पर पूर्व विधायक सकलेचा ने लगाई थी याचिका
व्यापमं घोटाला ( Vyapam Scam ) वर्ष 2009 में सामने आने के बाद सकलेचा ने एसटीएफ को दस्तावेज के साथ आवेदन सौंपकर कुछ बिंदुओं पर जांच की मांग की थी। इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो आवेदन पर जांच के लिए उन्होंने पिछले वर्ष हाई कोर्ट की इंदौर खंडपीठ में याचिका दायर की। इसमें एसटीएफ को दिए आवेदन पर कार्यवाही की मांग की थी। 19 अप्रैल को हाई कोर्ट ने याचिका निरस्त कर दी, तो सकलेचा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी। कोर्ट में मामले की पैरवी राज्यसभा सदस्य विवेक तन्खा और सर्वम ऋतम खरे ने की। सकलेचा ने 11 दिसंबर 2014 को दस्तावेज सहित 350 पेज का आवेदन दिया था। एसटीएफ को 12 जून 2015 को मौखिक साक्ष्य के अतिरिक्त 71 पेज का लिखित बयान और 240 पेज के दस्तावेज भी दिए। 11 से 13 सितंबर 2019 को जांच एजेंसी ने दोबारा 13 घंटे तक बयान लेने के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की। उसके बाद मामला सीबीआई को चला गया।
सीएस ने अभी तक नहीं की कार्रवाई
सीबीआई ने अक्टूबर 2016 में बयान लेने के बाद आवेदन को मुख्य सचिव को भेजा पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। सकलेचा ने अपने आवेदन में तत्कालीन मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, पुलिस महानिदेशक, प्रमुख सचिव चिकित्सा शिक्षा, संचालक चिकित्सा शिक्षा, व्यापमं के अध्यक्ष आदि से पूछताछ की मांग की थी। दिसंबर 2009 में शासकीय और निजी चिकित्सा महाविद्यालय में भर्ती की जांच के आदेश के बाद भी निजी कॉलेजों की भर्ती की जांच नहीं करने का भी आवेदन मे उल्लेख किया था। सकलेचा ने अपने आवेदन में कई दस्तावेज का हवाला देकर कहा कि सीबीआइ व एसटीएफ ने जांच में काफी लीपापोती की है।