सरकार ने लोकसभा में वक्फ संशोधन विधेयक पेश कर दिया है। पहले विधेयक पर 8 घंटे की चर्चा निर्धारित थी, लेकिन बाद में इसे 2 घंटे बढ़ा दिया गया। चर्चा समाप्त होने के बाद विधेयक को पास करने और वोटिंग की प्रक्रिया शुरू होगी। सरकार के पास पर्याप्त संख्या बल होने के कारण विधेयक को पारित कराने में किसी बाधा की संभावना नहीं है।
राज्यसभा में गुरुवार को होगी चर्चा
सूत्रों के अनुसार, लोकसभा से पास होने के बाद यह गुरुवार को राज्यसभा में पेश किया जाएगा। दोपहर 1 बजे से इस पर चर्चा शुरू होगी, जिसके लिए 8 घंटे का समय तय किया गया है। हालांकि, आवश्यकता पड़ने पर इसमें बदलाव भी हो सकता है।
कांग्रेस को मिलेगा 45 मिनट का समय
राज्यसभा में चर्चा के दौरान कांग्रेस को 45 मिनट का समय मिलेगा, जिसमें पार्टी के वरिष्ठ नेता विधेयक के विभिन्न पहलुओं पर अपनी राय रखेंगे।
कांग्रेस के नेता होंगे प्रमुख वक्ता
कांग्रेस की ओर से नासिर हुसैन इस चर्चा में पहले वक्ता होंगे। वे पहले भी संयुक्त संसदीय समिति (JPC) के सदस्य रह चुके हैं, जिससे उनकी विशेषज्ञता इस मुद्दे पर महत्वपूर्ण मानी जा रही है। इसके अलावा, अभिषेक मनु सिंघवी और इमरान प्रतापगढ़ी भी चर्चा में भाग लेंगे और विपक्षी दलों की आपत्तियों को उजागर करेंगे।
विपक्ष की आपत्ति: सरकार की नजर विशेष समुदाय की जमीन पर?
कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल पहले ही इस विधेयक पर अपनी आपत्ति दर्ज करा चुके हैं। कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने आरोप लगाया कि सरकार की नजर एक विशेष समुदाय की जमीन पर है। उन्होंने यह भी कहा कि इस विधेयक के पास होने से देश में मुकदमेबाजी बढ़ सकती है।
गृह मंत्री का पलटवार: सभी को कानून स्वीकार करना होगा
गृह मंत्री अमित शाह ने विपक्ष पर हमला बोलते हुए कहा कि विपक्ष विधेयक को न मानने की धमकी दे रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह संसद द्वारा पारित कानून होगा और सभी को इसे मानना पड़ेगा। साथ ही उन्होंने आरोप लगाया कि वोट बैंक की राजनीति के चलते विपक्ष गलत डर फैला रहा है कि यह विधेयक मुसलमानों की धार्मिक संपत्तियों में हस्तक्षेप है।
राज्यसभा में गरमाएगी बहस
गुरुवार को जब राज्यसभा में विधेयक पर चर्चा होगी, तो इसमें पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिल सकती है। विधेयक वक्फ संपत्तियों के प्रबंधन और उनके उपयोग से जुड़ा हुआ है, जिसे लेकर राजनीतिक दलों के अलग-अलग विचार हैं।