Eng Vs Ind: मैनचेस्टर टेस्ट का पांचवां दिन भारत और इंग्लैंड के बीच ड्रॉ की ओर बढ़ रहा था, लेकिन इंग्लैंड कप्तान बेन स्टोक्स के एक अप्रत्याशित फैसले ने क्रिकेट जगत में बहस छेड़ दी। रविचंद्रन अश्विन ने इस फैसले को “डबल स्टैंडर्ड्स” करार देते हुए स्टोक्स और इंग्लैंड की जमकर आलोचना की।
दरअसल, जब रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर की साझेदारी ने भारत को हार से बचा लिया और दोनों बल्लेबाज़ अपने-अपने शतक की ओर बढ़ रहे थे, तभी स्टोक्स ने जल्दी हाथ मिलाने (early handshake) का प्रस्ताव दिया। जडेजा और सुंदर ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया और बल्लेबाज़ी जारी रखी — जिससे स्टोक्स झुंझला उठे।
स्टोक्स ने कथित तौर पर जडेजा से कहा, “क्या तुम हैरी ब्रूक जैसे पार्ट-टाइम गेंदबाज़ के खिलाफ शतक बनाना चाहते हो?” इसके जवाब में अश्विन ने तीखा तंज कसा।
Eng Vs Ind: “शतक चाहिए? तो लाओ फ्लिंटॉफ, हार्मिसन… ब्रूक को क्यों दिया गेंद?”
अपने यूट्यूब चैनल पर बात करते हुए अश्विन ने कहा,
“क्या आपने ‘डबल स्टैंडर्ड’ शब्द सुना है? यही है डबल स्टैंडर्ड। सुबह से जिस बल्लेबाज़ ने आपके सबसे बेहतरीन गेंदबाज़ों — आर्चर, मैथ्यू हॉगगर्ड, डैरेन गफ, एंड्रयू फ्लिंटॉफ — सभी को खेला, उसने पूरी मेहनत की। अब जब वो शतक की ओर बढ़ रहा है तो आप कहते हो, ‘क्या हैरी ब्रूक के खिलाफ शतक बनाना है?’ नहीं भाई, उसे शतक बनाना है। आप ही ने ब्रूक को गेंदबाज़ी दी — गलती आपकी है, हमारी नहीं।”
अश्विन ने यह भी जोड़ा कि दोनों भारतीय बल्लेबाज़ों ने इंग्लैंड के हर तरह के प्रयास का डटकर सामना किया और शतक के हकदार थे।
Eng Vs Ind: “मैं होता तो 15 ओवर और बल्लेबाज़ी कराता”
अश्विन ने यह स्पष्ट किया कि टेस्ट क्रिकेट में यदि दोनों कप्तान सहमत हों कि मैच का नतीजा संभव नहीं है, तो वे mandatory overs के बाद मैच ड्रॉ घोषित कर सकते हैं। लेकिन यहां इंग्लैंड का जल्दी ड्रॉ का प्रस्ताव केवल हताशा में लिया गया निर्णय था।
“एक कप्तान को थकान की चिंता थी — ठीक है। लेकिन दूसरा कारण? मैं खुश नहीं हूं, तो तुम भी मत रहो। तुम भी शतक मत बनाओ। यह कारण वैध नहीं है। अगर मैं कप्तान होता, तो बाकी के 15 ओवर भी बल्लेबाज़ों को खेलने देता।”
Eng Vs Ind: इंग्लैंड की रणनीति पर सवाल
अश्विन ने इंग्लैंड की रणनीति पर सवाल उठाते हुए कहा कि अगर आप एक बल्लेबाज़ को शतक से रोकने के लिए ड्रॉ घोषित कर देते हैं, तो यह खेल भावना के खिलाफ है। उन्होंने इंग्लैंड के रवैये को “खेल के प्रति अपमानजनक” और “दोगला व्यवहार” बताया।