Waqf Bill: भुवनेश्वर से भाजपा सांसद और वक्फ संशोधन विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की सदस्य अपराजिता सारंगी ने विपक्ष पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि जेपीसी की हर बैठक विपक्षी नेताओं के हंगामे और व्यवधान के कारण बाधित होती है। सारंगी के अनुसार, सरकार ने प्रस्तावित संशोधनों के पीछे स्पष्ट और ठोस कारण प्रस्तुत किए हैं, लेकिन विपक्ष केवल तारीखें आगे बढ़ाने पर जोर देता है और रचनात्मक चर्चा से बचता है।
विपक्ष पर तर्कहीनता का आरोप
अपराजिता सारंगी ने कहा कि विपक्षी नेता वक्फ संशोधन विधेयक पर बहस करने से कतराते हैं और बैठक में केवल शोर मचाते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि 44 प्रस्तावित संशोधनों पर विपक्ष की तरफ से कोई ठोस तर्क सामने नहीं आया है। उनका कहना है कि विपक्ष केवल तारीखों में विस्तार चाहता है, लेकिन विधेयक की गहराई से समीक्षा करने में असफल रहा है।
जेपीसी बैठकों से तीन बार वॉकआउट
सारंगी ने बताया कि वक्फ संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान विपक्षी दलों ने तीन बार बैठक से वॉकआउट किया। उन्होंने कहा, “हमने बैठक में वापस आकर अपनी जिम्मेदारी निभाई, लेकिन विपक्ष का एकमात्र उद्देश्य प्रक्रिया को लंबा खींचना था।” इसके चलते, जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने रिपोर्ट पेश करने की अंतिम तारीख 2025 के बजट सत्र तक बढ़ा दी है।
महाराष्ट्र सरकार का वक्फ बोर्ड फंड रद्द
वहीं, महाराष्ट्र सरकार ने वक्फ बोर्ड को 10 करोड़ रुपये देने का अपना फैसला रद्द कर दिया है। महाराष्ट्र बीजेपी ने सोशल मीडिया पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि प्रशासन ने इस फंड को जारी करने का आदेश वापस ले लिया है। बीजेपी ने स्पष्ट किया कि वक्फ बोर्ड को फंड देने की खबरें महज अफवाह थीं, और यह फैसला राज्य सरकार की सख्ती के चलते रद्द किया गया है।
सरकार का पक्ष और विपक्ष की प्रतिक्रिया
वक्फ संशोधन विधेयक-2024 को लेकर विपक्ष लगातार विरोध कर रहा है और मौजूदा कानून को बरकरार रखने की मांग कर रहा है। इसके विपरीत, सरकार ने हर संशोधन को तार्किक और उचित बताते हुए अपनी स्थिति स्पष्ट की है।