जिम्मेदारों को चेतावनी, सड़क निर्माण में लापरवाही पर ठेकेदारों पर होगी कार्रवाई

सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के अध्यक्ष और सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय मनोहर सप्रे ने अपने इंदौर दौरे के दौरान शहर के प्रमुख दुर्घटनाजन्य ब्लैक स्पॉट्स का गहन निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने संबंधित अधिकारियों की बैठक लेकर आवश्यक निर्देश जारी किए और सुधार कार्यों में तेजी लाने पर जोर दिया।

तेजाजी नगर से निरीक्षण की शुरुआत, अतिक्रमण हटाने के निर्देश

न्यायमूर्ति सप्रे ने अपने निरीक्षण की शुरुआत तेजाजी नगर से की, जिसे शहर का प्रमुख ब्लैक स्पॉट माना जाता है। उन्होंने यहां पर दुर्घटनाओं की संख्या, मृतकों का आंकड़ा और दुर्घटनाओं के मुख्य कारणों की जानकारी ली। इसके साथ ही उन्होंने अवैध अतिक्रमण को तुरंत हटाने और ब्लैक स्पॉट्स को यथाशीघ्र खत्म करने के निर्देश अधिकारियों को दिए।

ओवरब्रिज निर्माण में तेजी और सड़क मरम्मत पर दिया विशेष जोर

इसके बाद उन्होंने रालामंडल और बेस्ट प्राइस के सामने निर्माणाधीन ओवरब्रिज क्षेत्रों का निरीक्षण किया। न्यायमूर्ति सप्रे ने इन ब्रिजों के निर्माण को निर्धारित समयसीमा में गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने को कहा। साथ ही उन्होंने सर्विस रोड्स की मरम्मत, गड्ढों को भरने और सभी सुधारात्मक कार्यों को शीघ्रता से संपन्न करने पर बल दिया।

निर्माण कार्यों में लापरवाही पर कार्रवाई की चेतावनी

निरीक्षण के दौरान उन्होंने अधिकारियों से कहा कि सड़क निर्माण और मरम्मत के कार्यों में गुणवत्ता से कोई समझौता नहीं होना चाहिए। उन्होंने स्पष्ट निर्देश दिए कि जहां भी लापरवाही या देरी पाई जाए, वहां ठेकेदारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि निर्माण कार्यों का मूल्यांकन कराना आवश्यक है, ताकि जवाबदेही सुनिश्चित की जा सके।

होटल ग्रैंड शेरेटन के सामने के ब्लैक स्पॉट पर भी लिया जायजा

निरीक्षण के अंतिम चरण में न्यायमूर्ति सप्रे ने होटल ग्रैंड शेरेटन के सामने स्थित एक अन्य प्रमुख ब्लैक स्पॉट का निरीक्षण किया। यहां भी उन्होंने आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने और कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए।

वरिष्ठ अधिकारियों की मौजूदगी में हुआ निरीक्षण

इस निरीक्षण दौरे के दौरान डीसीपी ट्रैफिक अरविंद तिवारी, एडीएम रोशन राय सहित राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण, पीडब्ल्यूडी, सड़क विकास प्राधिकरण और नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। सभी विभागों को आपसी समन्वय से कार्य करने और सड़क सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देने के निर्देश दिए गए।