केंद्रीय जलशक्ति मंत्री सी. आर. पाटिल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार में जल संरक्षण के प्रयासों का हवाला देते हुए लोकसभा में कहा कि मोदी सरकार के तहत हर योजना समय पर शुरू होती है और समय पर पूरी होती है। उन्होंने जलशक्ति मंत्रालय के लिए वर्ष 2025-26 के अनुदानों पर चर्चा करते हुए यह भी कहा कि जल संरक्षण को जन आंदोलन बनाने की दिशा में व्यापक प्रयास हो रहे हैं।
जल संरक्षण के लिए बढ़ाया बजट
पाटिल ने बताया कि जल संसाधनों के लिए वित्तीय आवंटन लगातार बढ़ाया गया है, और राज्यों को अपनी जलवायु क्षमता विकसित करने के लिए अधिक आर्थिक सहायता दी जा रही है। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि आगामी वित्तीय वर्ष में मंत्रालय को 99,502 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। मंत्री ने जलजीवन मिशन के तहत 2019 में नल से जल के केवल 3 करोड़ कनेक्शन की तुलना में 2025 तक यह आंकड़ा 15.52 करोड़ तक पहुंचने का उल्लेख किया। साथ ही, उन्होंने बताया कि 2014 के बाद देशभर में लगभग 12 करोड़ शौचालयों का निर्माण हुआ, जिससे करीब 60 करोड़ लोगों को लाभ हुआ।
जल संरक्षण बनेगा जन आंदोलन
पाटिल ने केन-बेतवा नदी जोड़ो योजना का उल्लेख करते हुए कहा कि इससे 62 लाख लोगों को साफ पेयजल मिलने वाला है, और इस योजना पर अब तक 10,000 करोड़ रुपये से अधिक खर्च हो चुके हैं। उन्होंने यह भी कहा, “यह मोदी सरकार है, जो समय पर काम शुरू करती है और समय पर ही उसे पूरा करती है। उन्होंने गंगा नदी पुनरुद्धार के परिणामस्वरूप डॉल्फिन की बढ़ती संख्या का उदाहरण देते हुए कहा, “आज गंगा नदी के उन हिस्सों में भी डॉल्फिन देखने को मिल रही हैं, जहां पहले ये कभी नहीं पाई जाती थीं। पाटिल ने जल संरक्षण को जन आंदोलन में बदलने का संकल्प दोहराते हुए यह भी कहा कि किसी भी शिकायत पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी, और अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।