हुक्का पानी बंद, पनाह भी नहीं, अब और बुरा होगा पाकिस्तान का हाल

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान को बगैर सैन्य कार्रवाई के जवाब देना शुरू कर दिया है। सोमवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी (CCS) की अहम बैठक में कई बड़े और सख्त फैसले लिए गए हैं। सरकार ने स्पष्ट संकेत दिया है कि अब सिर्फ बातें नहीं होंगी, बल्कि एक्शन होगा – वो भी ऐसा जिससे पाकिस्तान की नींव हिल सकती है।

पाकिस्तान के खिलाफ भारत का पहला वार: कूटनीति से प्रहार

CCS बैठक के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदमों का ऐलान किया है। इसमें सबसे पहले दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग के स्टाफ की संख्या घटाने का निर्णय लिया गया है। साथ ही, अगले 48 घंटों में सभी पाकिस्तानी नागरिकों को भारत छोड़ने का आदेश जारी किया गया है। इससे भी आगे बढ़ते हुए, सभी पाकिस्तानी नागरिकों के वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिए गए हैं।

सिंधु जल समझौते पर रोक: पाकिस्तान के लिए पानी की मार

भारत ने 1960 के सिंधु जल संधि को रोकने का फैसला लेकर पाकिस्तान को बड़ा झटका दिया है। यह कदम खास तौर पर इसलिए अहम है क्योंकि पाकिस्तान के पंजाब और सिंध प्रांतों में पहले से ही पानी को लेकर संघर्ष है। ऐसे में भारत की यह रणनीति पाकिस्तान के लिए आने वाले दिनों में गंभीर संकट खड़ा कर सकती है।

राजनयिक संबंधों की पूर्ण समाप्ति की ओर बढ़ता भारत

सूत्रों के मुताबिक, भारत अब पाकिस्तान के साथ राजनयिक संबंध पूरी तरह खत्म करने के विकल्प पर भी गंभीरता से विचार कर रहा है। इस क्रम में नई दिल्ली स्थित पाक दूतावास को बंद करने और इस्लामाबाद से अपने सभी राजनयिकों को वापस बुलाने का फैसला भी हो सकता है।

अंतरराष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान के खिलाफ मोर्चाबंदी

भारत अब वैश्विक स्तर पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की कोशिश करेगा। अमेरिका, फ्रांस और कई पश्चिमी देश जो आतंकवाद के खिलाफ हैं, वे भारत के इस कदम में साथ आ सकते हैं। साथ ही, यूएई जैसे रास्तों से हो रहे अप्रत्यक्ष व्यापार पर पूरी तरह रोक लगाने की योजना भी बन रही है, जिससे पाकिस्तान की आर्थिक कमर टूट सकती है।