स्वतंत्र समय, इंदौर
शहर में अपहर्त/गुमशुदा बालक/ बालिकाओं के प्रकरणों में तत्काल संवेदनशीलता के साथ प्राथमिकता से कार्यवाही करने के निर्देश वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा दिए गए हैं। उक्त निर्देशों के अनुक्रम में कार्यवाही करते हुए महिला सुरक्षा शाखा व महिला थाना द्वारा घर से स्कूल का बोलकर निकलकर रेल्वे स्टेशन पहुंची दो नाबालिक स्कूली छात्राओं को उनकें परिजनों के सुपुर्द किया गया है।
6वीं व 8 वीं कक्षा में अध्यनरत् दो नाबालिक बालिकाएं, स्कूल डेऊऊस आदि पहन तैयार होकर स्कूल जाने के लिये घर से बोलकर निकलीं और स्कूल न जाते हुए, एक ई-रिक्शा में बैठकर रेल्वे स्टेशन पहुंच गयी। बालिकाओं की कम उम्र के होने व स्कूल ड्रेस में होने से सजग नागरिक ई-रिक्शा चालक अमित सिंह, उन दोनों बालिकाओं को महिला थाने पर ले आया, क्योंकि विगत दिनों इंदौर पुलिस के सृजन कार्यक्रम की उसे जानकारी थी कि, पुलिस छोटी बच्चियों एवं महिलाओं के प्रकरण में संवेदनशील है व उनके लिये हरसंभव मदद करने को तत्पर रहती है, इसी को ध्यान में रख वह उन्हें पुलिस के पास ले आया।
उक्त दोनों नाबालिक बच्चियों के महिला थानें आने पर, अति. पुलिस उपायुक्त (महिला सुरक्षा शाखा) श्रीमती प्रियंका डुडवे व महिला थाना प्रभारी श्रीमती प्रिती तिवारी एवं उपनिरीक्षक गौरी द्वारा दोनो बच्चियों से संवेदनशीलता के साथ मित्रवत् व्यवहार कर बातचीत की, तो बच्चियों ने बताया कि उनको स्कूल नहीं बल्कि अयोध्या घूमने जाना है, इसलिये अपने मम्मी पाता को बिना बताएं वे स्कूल न जाकर अयोध्या जाने के लिये रेल्वे स्टेशन जा रही थी। इस पर महिला पुलिस अधिकारियों द्वारा उन दोनों के माता-पिता को बुलाकर उनकी काउंसलिंग कर उचित समझाईश दी।
कि उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए, अभी आप दोनेां छोटे हो, और तुम्हें कहीं घूमने जाना ही है तो अपने माता-पिता के साथ जाओं। इस प्रकार उन्हें उचित समझाईश देते हुए, दोनों को माता-पिता के सुपुर्द किया गया।
ई-रिक्शा चालक की हो रही सराहना
पुलिस अधिकारियों द्वारा ई-रिक्शा चालक की सजगता की प्रशंसा करते हुए, उसके द्वारा किये गये कार्य की सराहना कर उसे धन्यवाद भी दिया गया। नाबालिक बालिकाओं के परिजनों ने भी इंदौर पुलिस की टीम व रिक्शा चालक को धन्यवाद देकर, अपनी बच्चियों का ध्यान रखने का आश्वासन दिया गया।