‘हमें पैसे दिए गए थे’…! Sandeshkhali मामले में आया नया मोड़

स्वतंत्र समय, कोलकाता

संदेशखाली ( Sandeshkhali ) को लेकर एक बार फिर राज्य में सियासी उठापटक जारी है। पिछले हफ्ते एक वायरल वीडियो को लेकर सियासत हुई थी। जिस वायरल वीडियो में भाजपा का एक स्थानीय नेता ये कहता नजर आया था कि शुभेन्दु अधिकारी ने पैसे देकर संदेशखाली के मामले को बड़ा किया था। इस वीडियो में मौजूद नेता ये भी कहता नजर आया था कि महिलाओं को पैसे देकर झूठे केस दर्ज कराए गए थे। एक महिला ने भाजपा पर आरोप लगाया है कि मुझसे सफेद कागज पर साइन कराया गया। फिर बाद में मुझे पता चला कि मेरे नाम से रेप केस फाइल करवाया गया है। इस महिला ने थाने में जाकर केस वापस लेने का आवेदन दिया है। महिला आरोप लगा रही है कि उन्हें इसके बाद से धमकी मिल रही है। इस घटना को लेकर सोशल मीडिया पर कांग्रेस, जेएमएम के नेताओं सहित कइयों ने ट्वीट किया है। वहीं टीएमसी की नेता और मंत्री शशि पांजा ने कहा कि भाजपा ने महिलाओं को पैसे देकर रेप का केस दर्ज करवाया है। कइयों से तो सफेद कागज पर साइन करवा लिया है। वे महिलाएं अब थाने में जाकर कह रही हैं कि हम केस वापस लेना चाहते हैं।

Sandeshkhali की महिलाओं को शिकायत करने बुलाया था

Sandeshkhali की नियति मैती नामक एक महिला ने कहा कि जिस दिन महिला आयोग की टीम पुलिस स्टेशन आई थी, उसी दिन पियाली ने हमें अपनी शिकायतें आयोग के साथ शेयर करने के लिए बुलाया था। मैंने उन्हें बताया कि हमें मनरेगा का जॉब कार्ड और खाना पकाने के लिए पैसे नहीं मिले हैं। हमें केवल वह पैसा चाहिए था और कोई अन्य शिकायत नहीं थी। हमारे साथ रेप जैसी कोई घटना नहीं हुई। हमसे एक सफेद कागज पर हस्ताक्षर करवाकर हमें फंसाया गया। ठीक इसी तरह का बयान 2 महिलाओं तापती मैती और मीरा मैती ने भी दिया है। उन्होंने कहा कि उनसे भी सफेद कागज पर दस्तखत करवाकर रेप की झूठी शिकायत दर्ज करवाई गई। इन महिलाओं ने भी अपनी शिकायत वापस लेने की बात कही है।

सुवेंदु अधिकारी पर खराब बर्ताव के आरोप

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तृणमूल नेता शशि पंजा ने कहा-महिलाएं अब कह रही हैं कि उनसे झूठी शिकायत दर्ज करवाने के लिए कहा गया था। महिलाएं अपनी शिकायत वापस लेना चाहती हैं। सुवेंदु अधिकारी ने बांकुरा में एक रैली की जहां उन्हें तृणमूल की महिला कार्यकर्ताओं का विरोध झेलना पड़ा। सुवेंदु अपना आपा खो बैठे और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार किया।

वायरल वीडियो में किया गया क्या दावा?

गौरतलब है कि शनिवार को संदेशखाली में एक स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो सामने आया। इससे विवाद और बढ़ा। स्थानीय टेलीविजन चैनल पर प्रसारित इस कथित वीडियो में गंगाधर कोयल नामक एक व्यक्ति कहते सुना जा रहा है कि संदेशखाली की महिलाओं का यौन उत्पीडऩ नहीं हुआ, लेकिन विपक्ष के नेता सुवेंदु अधिकारी के निर्देश पर उन्हें ‘बलात्कार’ पीडि़ता के रूप में पेश किया गया था। कोयल कथित तौर पर भाजपा का मंडल (बूथ) अध्यक्ष है।