लुंगी पहनकर टीका लगाने से कोई चेला नहीं बन जाता, धीरेंद्र शास्त्री ने चेलों के आचरण पर उठाई आवाज़

बागेश्वर धाम के पीठाधीश्वर और इंटरनेशनल कथावाचक पंडित धीरेंद्र शास्त्री एक बार फिर चर्चा में हैं। इस बार उन्होंने चेलों और उनके आचरण को लेकर बड़ा बयान देकर धार्मिक जगत में नई बहस छेड़ दी है। प्रवचन के दौरान उन्होंने स्पष्ट कहा कि आज कई गुरुओं की प्रतिष्ठा उनके अपने चेलों के कारण धूमिल हुई है। उन्होंने कहा कि असली शिष्य वही है, जो अपने गुरु के आदर्शों और मर्यादाओं को जीवन में उतारता है, न कि वह जो केवल वेशभूषा में आडंबर दिखाए।

“गुरुओं की लुटिया चेलों ने डुबोई” शास्त्री का भावपूर्ण संदेश

अपने प्रवचन में धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि “जितने भी गुरु बदनाम हुए हैं, उनमें अधिकतर की लुटिया उनके चेलों ने ही डुबोई है।” उन्होंने आगे उदाहरण देते हुए कहा कि जिस तरह कई बार नेताओं की इमेज उनके करीबी लोगों के कारण खराब हो जाती है, उसी तरह धर्म के क्षेत्र में भी कुछ शिष्य अपने आचरण से गुरु की प्रतिष्ठा को चोट पहुंचाते हैं। उन्होंने श्रोताओं से आह्वान किया कि सच्चे अर्थों में शिष्य वही होता है जो गुरु के आचरण और विचारों को आत्मसात करे।

शास्त्री ने व्यंग्य भरे लहजे में कहा, “लुंगी पहनकर टीका लगाने या दिखावे के आभूषण पहन लेने से कोई चेला नहीं बन जाता।” उन्होंने बताया कि शिष्यत्व केवल बाहरी रूप से नहीं बल्कि भीतर की विनम्रता, अनुशासन और श्रद्धा से उपजता है।
गुरु-शिष्य संबंध पर दिया आध्यात्मिक संदेश पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि गुरु और शिष्य का संबंध केवल आडंबर नहीं बल्कि एक आध्यात्मिक बंधन है। इस रिश्ते को पवित्र बनाए रखना दोनों की समान जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जब शिष्य गुरु के आदर्शों को जीवन में लागू करता है, तभी वह सच्चा चेला कहलाता है। उन्होंने शिष्यों से आग्रह किया कि वे गुरु की वाणी ही नहीं, उनके जीवन के आदर्श को भी अपनाएँ।

27 अक्टूबर को बागेश्वर धाम में गुरु–शिष्य मिलन समारोह

बागेश्वर धाम में इस महीने कई विशेष धार्मिक आयोजन हो रहे हैं। 24 से 26 अक्टूबर तक प्रतिदिन शाम 4 से 6 बजे तक श्री सत्यनारायण कथा होगी, जबकि रात 8 से 10 बजे तक दिव्य दरबार आयोजित किया जाएगा। इसके बाद 27 अक्टूबर को गुरु–शिष्य मिलन समारोह रखा गया है, जहाँ पंडित धीरेंद्र शास्त्री अपने शिष्यों से संवाद करेंगे और आध्यात्मिक दिशा में आगे बढ़ने का संदेश देंगे।