मध्यप्रदेश में बदला मौसम का मिजाज, इन 15 जिलों में होगी भारी बारिश, IMD ने जारी किया अलर्ट

सितंबर के अंतिम हफ्ते में मानसून ट्रफ और लो-प्रेशर एरिया के सक्रिय होने से मध्यप्रदेश में एक बार फिर बादलों ने दस्तक दी है। मौसम विभाग के अनुसार सोमवार को भोपाल, इंदौर, जबलपुर समेत कई जिलों में हल्की बारिश होने की संभावना है। प्रदेश के लिए यलो अलर्ट जारी किया गया है। लोकल सिस्टम की वजह से कुछ क्षेत्रों में तेज बारिश भी हो सकती है। वहीं, 1 अक्टूबर से एक नया सिस्टम सक्रिय होने वाला है, जिससे दशहरे (2 अक्टूबर) के दिन भी बारिश का खतरा बना रह सकता है। इस स्थिति को देखते हुए दशहरा उत्सव समितियां रावण दहन कार्यक्रम को सुरक्षित रूप से आयोजित करने की तैयारी कर रही हैं।

रविवार को हुई भारी वर्षा और नुकसान

रविवार को धार, बड़वानी और सेंधवा में भारी वर्षा दर्ज की गई। सेंधवा में खेतों में पानी भर जाने से मक्के की फसल को नुकसान पहुंचा और एक कच्चा मकान भी ढह गया। नर्मदापुरम जिले में तवा डैम के पांच गेट खोल दिए गए ताकि जलभराव से सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इससे स्पष्ट है कि मानसून अब भी अपने प्रभाव का एहसास करवा रहा है।

कौन से जिले मानसून से विदा हो चुके हैं

प्रदेश के 12 जिले—ग्वालियर, मुरैना, भिंड, शिवपुरी, मंदसौर, रतलाम, श्योपुर, नीमच, आगर-मालवा, दतिया, राजगढ़ और शाजापुर—में मानसून की विदाई हो चुकी है। मौसम विभाग का अनुमान है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह तक पूरे प्रदेश में मानसून विदाई पूरी हो जाएगी। हालांकि, नया सिस्टम बनने से विदाई की प्रक्रिया थोड़ी देर तक खिंच सकती है।

अब तक हुई बारिश और प्रतिशत

मध्यप्रदेश में मानसून की शुरुआत इस साल 16 जून को हुई थी। तब से अब तक औसतन 45 इंच बारिश दर्ज की गई है, जबकि सामान्य वर्षा का आंकड़ा 37.2 इंच है। यानी इस साल अब तक प्रदेश में कुल 122 प्रतिशत बारिश हुई है। इस आंकड़े से साफ है कि यह मानसून पिछले वर्षों की तुलना में अधिक सक्रिय रहा।

सबसे ज्यादा और सबसे कम बारिश वाले जिले

गुना जिले में सबसे अधिक 65.5 इंच बारिश दर्ज की गई है। मंडला और रायसेन में भी 62 इंच से अधिक वर्षा हुई है, जबकि श्योपुर और अशोकनगर में 56 इंच से अधिक पानी गिरा। दूसरी ओर, शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार जिले इस साल सबसे कम बारिश वाले क्षेत्रों में शामिल हैं। इससे प्रदेश में बारिश के वितरण में असमानता दिखाई देती है।