हिमाचल प्रदेश में इस साल मानसून भारी तबाही लेकर आया है। राज्य में 20 जून को मानसून की दस्तक के बाद से अब तक लगभग 751 करोड़ रुपये का नुकसान हो चुका है। खासतौर पर मंडी जिले में 30 जून और 1 जुलाई की रात 10 बार बादल फटने, अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाओं ने भारी तबाही मचाई। इन घटनाओं में 15 लोगों की मौत हो चुकी है और 27 लोग लापता हैं। खोज और बचाव अभियान अब भी जारी है। राज्य आपातकालीन संचालन केंद्र (SEOC) के अनुसार, हिमाचल में 26% अधिक बारिश हो चुकी है। अब तक 31 बार बाढ़, 22 बार बादल फटना, और 17 बार भूस्खलन की घटनाएं दर्ज की गई हैं। पंडोह बांध के पास हुए भूस्खलन के कारण चंडीगढ़-मनाली हाईवे भी बाधित है।
दिल्ली-एनसीआर: रुक-रुक कर बारिश और बढ़ती उमस
दिल्ली और एनसीआर के निवासियों को इस हफ्ते भी लगातार बरसात और उमस का सामना करना पड़ेगा। मौसम विभाग के अनुसार, 12 जुलाई से 17 जुलाई के बीच हर दिन गरज-चमक के साथ बारिश या तेज बौछारें पड़ सकती हैं। हालांकि, फिलहाल कोई चेतावनी जारी नहीं की गई है, लेकिन बारिश के चलते जलभराव की गंभीर समस्या पैदा हो गई है। कई अंडरपास, कॉलोनियों और प्रमुख सड़कों पर पानी भर जाने से यातायात व्यवस्था चरमरा गई है। इसके अलावा, अगले दो दिन में तापमान में हल्की बढ़त की संभावना जताई गई है, जिससे उमस और बढ़ेगी।
उत्तराखंड: तीर्थयात्रा पर बारिश की मार
उत्तराखंड में लगातार भारी बारिश के कारण बद्रीनाथ धाम और हेमकुंड साहिब की यात्राएं प्रभावित हो रही हैं। कई हाईवे और मार्गों के बंद होने से तीर्थयात्रियों की संख्या में भारी गिरावट आई है। बद्रीनाथ धाम में रोजाना आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या घटकर 2000 से भी कम रह गई है, जबकि हेमकुंड साहिब में यह आंकड़ा 1000 तक पहुंच गया है। रुद्रप्रयाग, चमोली और आसपास के क्षेत्रों में भूस्खलन और सड़कों के अवरुद्ध होने से यात्री फंसे हुए हैं। एनडीआरएफ और प्रशासन की टीमें राहत-बचाव कार्य में जुटी हैं, लेकिन मौसम की अनिश्चितता यात्रा को धीमा कर रही है। प्रशासन ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि यात्रा से पहले मौसम और मार्गों की स्थिति की जानकारी अवश्य लें।
राजस्थान: मानसून सक्रिय, दो हफ्ते तक भारी बारिश की संभावना
राजस्थान में मानसून सक्रिय बना हुआ है और बीते 24 घंटों में कई क्षेत्रों में भारी बारिश दर्ज की गई है। सांभर (जयपुर) में सर्वाधिक 87 मिमी बारिश हुई। मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार, पूर्वी राजस्थान में अगले दो हफ्तों तक औसत से अधिक वर्षा की संभावना है। वहीं, पश्चिमी राजस्थान में भी आगामी एक सप्ताह तक सामान्य से अधिक वर्षा होने का अनुमान जताया गया है। लगातार बारिश से खेतों में पानी की स्थिति बेहतर हुई है, लेकिन कुछ स्थानों पर स्थानीय जलभराव की समस्या भी बनी हुई है।
झारखंड: भारी बारिश का येलो अलर्ट
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने झारखंड के कई जिलों के लिए 13 से 15 जुलाई तक येलो अलर्ट जारी किया है। 13 जुलाई को लातेहार, लोहरदगा, सरायकेला-खरसावां, और पूर्वी-पश्चिमी सिंहभूम में भारी बारिश का अनुमान है। 14 जुलाई को अलर्ट पलामू, चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, देवघर सहित कुल 12 जिलों के लिए जारी किया गया है। IMD के अनुसार, 1 जून से 12 जुलाई के बीच झारखंड में 504.8 मिमी वर्षा हो चुकी है, जो कि सामान्य से 64% अधिक है। यह भारी बारिश कृषि के लिए लाभकारी हो सकती है, लेकिन इससे निचले इलाकों में बाढ़ और जलभराव की आशंका भी बनी हुई है।
5 राज्यों के लिए ऑरेंज अलर्ट
भारतीय मौसम विभाग ने आने वाले पांच दिनों के लिए हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान और उत्तर प्रदेश में भारी बारिश के मद्देनज़र ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इसके अलावा, पश्चिमी हिमालयी क्षेत्र और मैदानी इलाकों में भी गरज और बिजली के साथ मध्यम बारिश का अनुमान जताया गया है। इन इलाकों में बिजली गिरने और जलभराव जैसी आपदाओं को लेकर सतर्क रहने की सलाह दी गई है।