Weather Update: अगले 24 घंटों में इन राज्यों में होगी आंधी-तूफान के साथ मूसलाधार बारिश, मौसम विभाग ने जारी किया अलर्ट

Weather Update: उत्तर भारत में सर्दियों ने पूरी तरह से दस्तक दे दी है और कई इलाकों में ठंडी हवाओं के साथ घने कोहरे का असर दिखाई दे रहा है। कोहरे के कारण दृश्यता बेहद कम हो गई है, जिससे सड़क और रेल यातायात प्रभावित हो रहा है। मौसम विभाग ने आने वाले दिनों में कोहरे के और घना होने की चेतावनी जारी की है।

दूसरी ओर दक्षिण भारत में फेंगल चक्रवात के कारण भारी बारिश हो रही है। तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, और केरल के तटीय इलाकों में तेज़ हवाओं के साथ बारिश ने जनजीवन प्रभावित किया है। मौसम विभाग ने इन इलाकों में रेड अलर्ट जारी किया है और स्थानीय प्रशासन को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है, और निचले इलाकों में रहने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया जा रहा है।

यह स्थिति देश के दोनों हिस्सों में मौसम की चरम परिस्थितियों का उदाहरण है। लोग इस दौरान अतिरिक्त सावधानी बरतें और मौसम विभाग के दिशा-निर्देशों का पालन करें। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने बंगाल की खाड़ी के दक्षिणी हिस्से में बने दबाव के कारण फेंगल चक्रवात के प्रभाव की चेतावनी दी है। यह चक्रवात तमिलनाडु, पुडुचेरी और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में भारी बारिश और तेज हवाओं का कारण बन रहा है।

क्षेत्रवार मौसम का पूर्वानुमान

1.तमिलनाडु और पुडुचेरी

•27 और 28 नवंबर को भारी से अत्यधिक भारी बारिश की संभावना।
•निचले इलाकों में जलभराव और यातायात प्रभावित हो सकता है।

2.दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश

•27 से 29 नवंबर तक भारी वर्षा का अनुमान।
•तेज हवाओं और उफनती नदियों के कारण तटीय क्षेत्रों में सतर्कता बरतने की सलाह।

3.तटीय डेल्टा क्षेत्र

•चक्रवात का सबसे ज्यादा प्रभाव इन इलाकों में होगा। समुद्र में ऊंची लहरों और तटीय कटाव का खतरा है।

स्काईमेट वेदर के अनुसार

तमिलनाडु और श्रीलंका के तटीय इलाकों में अगले 24 घंटों के दौरान मूसलाधार बारिश की संभावना है।

सावधानियां और उपाय

•मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह।
•प्रशासन द्वारा राहत शिविरों और आपातकालीन सेवाओं को तैयार रखा गया है।
•स्थानीय लोगों को घर के अंदर रहने और आवश्यक वस्तुओं का प्रबंध करने का निर्देश दिया गया है।

स्थिति का आकलन

फेंगल चक्रवात के चलते तमिलनाडु, पुडुचेरी, और आंध्र प्रदेश के तटीय इलाकों में जीवन अस्त-व्यस्त हो सकता है। लोगों को सतर्क रहना चाहिए और सरकारी निर्देशों का पालन करना चाहिए। अंडमान और निकोबार द्वीप समूह में चक्रवात के प्रभाव से मौसम चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। भारी बारिश के कारण इन क्षेत्रों में सतर्कता आवश्यक है, खासतौर पर जलभराव और परिवहन में रुकावटों को देखते हुए। स्थानीय प्रशासन और आपदा प्रबंधन को अलर्ट रहना चाहिए। कर्नाटक में मौसम हल्का ठंडा है, खासकर बेंगलुरु में। हल्की बारिश और कोहरे के चलते यातायात प्रभावित हो सकता है, इसलिए वाहन चालकों को सावधानी बरतनी चाहिए। तटीय इलाकों में ठंड और बारिश का मौसम किसानों और मत्स्य उद्योग पर प्रभाव डाल सकता है। मौसम की यह स्थिति कुछ दिन और बनी रह सकती है।

उत्तर भारत में ठंड बढ़ने के साथ कोहरे का असर दिखाई देने लगा है, और मौसम विभाग की चेतावनी महत्वपूर्ण है। विशेष रूप से पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़, और उत्तर प्रदेश में भारी कोहरे के कारण दृश्यता में भारी कमी आने की संभावना है, जो यातायात और परिवहन सेवाओं पर प्रभाव डाल सकती है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में वायु गुणवत्ता खराब होने की समस्या सर्दियों के मौसम में आम हो जाती है। वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) के “खराब” स्तर तक पहुंचने का मतलब है कि हवा में प्रदूषकों की मात्रा स्वस्थ मानकों से अधिक हो गई है, जो विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और अस्थमा या अन्य श्वसन संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों के लिए हानिकारक हो सकती है।