Weather Update: इस साल कई राज्यों में अच्छी बारिश हुई है, और अब कई स्थानों से मानसून की विदाई हो चुकी है। हालांकि, मौसम विभाग ने अगले छह से सात दिनों तक कुछ राज्यों में भारी बारिश का पूर्वानुमान लगाया है। खासकर पूर्वोत्तर भारत के राज्यों, केरल, माहे, तमिलनाडु, पुडुचेरी, और कराईकल में भारी बारिश होने की संभावना है। यह दर्शाता है कि मानसून के जाने के बाद भी इन क्षेत्रों में मौसम अस्थिर रहेगा और बरसात का सिलसिला कुछ समय तक जारी रहेगा। मौसम विभाग ने बताया है कि 4 अक्टूबर से उत्तरी बंगाल की खाड़ी और उसके आसपास के इलाकों में कम दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके चलते पूर्वोत्तर और पूर्वी राज्यों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की गई है। विशेष रूप से, सब-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम, और त्रिपुरा में 3 और 4 अक्टूबर को बहुत भारी बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा, पूर्वोत्तर भारत में अगले सात दिनों तक भारी बारिश का सिलसिला जारी रहेगा।
सब-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 3 से 5 अक्टूबर तक भारी बारिश हो सकती है, जबकि गंगीय पश्चिम बंगाल में 4 अक्टूबर को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया गया है। यह स्थिति किसानों और स्थानीय निवासियों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, और उन्हें आवश्यक तैयारियां करनी चाहिए।दक्षिण भारत में अगले सात दिनों तक केरल और माहे में तेज बारिश होने की संभावना है। इसके अलावा, साउथ इंटीरियर कर्नाटक, तमिलनाडु, पुडुचेरी, और कराईकल में 3 से 8 अक्टूबर तक भारी बारिश का पूर्वानुमान है। रायलसीमा में 3 से 5 अक्टूबर के बीच, और उत्तरी इंटीरियर कर्नाटक में 3 अक्टूबर को भारी बारिश होने की संभावना है।
मौसम विभाग ने यह भी बताया है कि उत्तर पश्चिम, पश्चिम, और मध्य भारत के राज्यों में अगले एक हफ्ते तक बहुत अधिक बारिश की संभावना नहीं है, जिससे इन क्षेत्रों में मौसम अपेक्षाकृत शुष्क रहेगा। हिमाचल प्रदेश में इस साल दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी 2 अक्टूबर को हो गई, जो पिछले साल की तुलना में थोड़ा पहले है। इस साल राज्य में 18 प्रतिशत कम बारिश हुई है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के अनुसार, राज्य में औसतन 600.9 मिमी बारिश हुई, जबकि सामान्य बारिश का औसत 734.3 मिमी होता है। यह कमी महत्वपूर्ण है, खासकर पिछले वर्षों की तुलना में। आईएमडी के मुताबिक, हिमाचल में मानसून 27 जून को पहुंचा था और 29 जून तक राज्य के सभी हिस्सों में फैल गया था। राज्य में 1922 में सबसे ज्यादा 1314.6 मिमी बारिश दर्ज की गई थी।