स्वतंत्र समय, भोपाल
यह पहला मौका है कि मप्र के नापतौल विभाग ( Weights and Measures Department ) का अमला यूनिफार्म में नजर आएगा। नापतौल के बांटों में गड़बड़ी कर कम तोलने वालों के विरुद्ध कार्रवाई के दौरान अमले की अलग पहचान होगी। इससे प्रदेश में दुकानदारों के साथ विवाद की घटनाएं भी बढ़ेगी। वैसे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने नापतौल विभाग के अमले को यूनिफार्म तय करने के निर्देश दिए हैं।
Weights and Measures Department को सीएम ने दिए निर्देश
मुख्यमंत्री ने नापतौल विभाग ( Weights and Measures Department ) को निर्देश देने के बाद कहा कि प्रदेश में वितरित होने वाली राशन सामग्री में प्रदेश में उत्पन्न होने वाले ज्वार, बाजरा, रागी जैसे श्रीअन्न को शामिल किया जाए। इसके लिए स्थानीय किसानों से अनाज लेने और प्रक्रिया में स्वसहायता समूहों को जोडऩे पर विचार किया जाएगा। प्रदेश के जिन क्षेत्रों में जो अनाज सामान्यत: खानपान में प्रचलन में है। इसके साथ ही प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत जिन्हें पर्ची जारी की गई है, वह योजना के लिए पात्र हैं या नहीं इसका भी सर्वे कराया जाएगा। सीएम ने यह निर्देश शुक्रवार को मंत्रालय में खाद्य नागरिक आपूर्ति विभाग की समीक्षा करते हुए दिए।
राज्य स्तर पर गठित होगा गैस कापोर्रेशन
सीएम यादव ने कहा कि नापतौल विभाग के अमले की यूनिफार्म तय करने से पहले महाराष्ट्र, केरल, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना आदि राज्यों में इस संबंध में जारी व्यवस्था के आधार पर प्रस्ताव प्रस्तुत किया जाए। उन्होंने पाइप लाइन द्वारा रसोई गैस उपलब्ध कराने संबंधी गतिविधि के लिए राज्य स्तर पर गैस कापोर्रेशन गठित करने की आवश्यकता बताई। उन्होंने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र में भी गैस उपयोग की संभावना है, इसलिए इसकी आपूर्ति को ध्यान में रखते हुए कार्ययोजना बनाई जाए। अन्य राज्यों में इस संबंध में लागू व्यवस्था का भी अध्ययन किया जाए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में दलहन उत्पादन को प्रोत्साहन करने के लिए नीति बनाई जाए। साथ ही भू-जल भंडारण के संरक्षण और बिजली की बचत को दृष्टिगत बिना मौसम की धान व मूंग के उत्पादन को हतोत्साहित किया जाए। ाईटेक नर्सरियां स्थापित होंगी सीएम डॉ. यादव ने कहा कि उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण गतिविधियों से किसान और उद्योगपति दोनों लाभान्वित होंगे। इनके माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों में उद्यमिता और औद्योगिक गतिविधियों को प्रोत्साहित किया जा सकता है। इस दिशा में सार्थक प्रयास किए गए हैं। किसानों के साथ उनके परिवारों को जोडऩे के लिए स्वसहायता समूहों का भी गठन किया जाए। प्रदेश में संभाग स्तर पर हाईटेक नर्सरियां स्थापित कर आवश्यक प्रशिक्षण उपलब्ध कराने की व्यवस्था की जाए। उद्यानिकी और खाद्य प्रसंस्करण विभाग का बजट बढ़ाकर बाजार की मांग के अनुसार गतिविधियां संचालित की जाएं। इस दिशा में हॉर्टिकल्चर प्रमोशन एजेंसी स्थापित कर समय-सीमा व रोडमैप निर्धारित करते हुए कार्य किया जाए।