West Bengal: पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहां अकरा संतोषपुर इलाके में बुधवार को दो पक्षों के बीच मामूली विवाद ने भयंकर रूप ले लिया. रवींद्रनगर क्षेत्र कुछ ही देर में हिंसा की आग में झुलसने लगा. स्थिति उस समय बिगड़ी जब दोनों गुटों के बीच कहासुनी के बाद ईंट-पत्थर चलने लगे. उपद्रवियों ने कई मोटरसाइकिलों को आग के हवाले कर दिया और पुलिस की गाड़ियों को भी नुकसान पहुंचाया. मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, हिंसा के दौरान पुलिस पर भी जमकर पथराव हुआ, जिसमें एक जवान गंभीर रूप से घायल हो गया. एक महिला पुलिस अधिकारी को सिर पर गंभीर चोट आई जब उनके ऊपर छत से ईंट फेंकी गई.
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, भीड़ ने न सिर्फ पुलिस को निशाना बनाया बल्कि कई दुकानों और घरों में तोड़फोड़ भी की गई. कुछ घरों में आग लगाने की घटनाएं भी सामने आई हैं. अराजकता का आलम यह था कि स्थानीय लोग अपने घरों में छिपने को मजबूर हो गए. महेशतला क्षेत्र में भी कुछ मकानों में तोड़फोड़ की गई, और रवींद्रनगर थाने के पास एक बाइक को जला दिया गया.
पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले
स्थिति पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े. कुछ पुलिसकर्मी सफेद रूमाल लेकर शांति स्थापित करने के प्रयास में आगे बढ़े, लेकिन हिंसक भीड़ ने उन पर भी ईंटें बरसाईं. एक पुलिस वाहन पूरी तरह (West Bengal) से क्षतिग्रस्त हो गया. बढ़ते तनाव को देखते हुए क्षेत्र में भारी पुलिस बल की तैनाती कर दी गई है.
मामले में हुई सियासी एंट्री
घटना के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाओं का दौर भी शुरू हो गया है. विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता बनर्जी सरकार पर हमला करते हुए कहा कि राज्य की कानून व्यवस्था पूरी तरह विफल हो चुकी है. उन्होंने भवानी भवन जाकर पुलिस प्रशासन की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए. इस पर तृणमूल कांग्रेस के प्रवक्ता कुणाल घोष ने कहा कि मामले की जांच जारी है और इस पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
मामूली विवाद से शुरू हुई थी झड़प
स्थानीय लोगों का कहना है कि विवाद की शुरुआत एक फल की दुकान खोलने को लेकर हुई थी. इस छोटे से झगड़े ने दो गुटों के बीच हिंसक संघर्ष का रूप ले लिया. फिलहाल स्थिति तनावपूर्ण बनी हुई है और प्रशासन ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है.