कन्या पूजन में क्या बनाएं और क्या खिलाएं? सही भोजन से बरसेगा मां दुर्गा का आशीर्वाद

Navratri 2025: नवरात्रि का पर्व पूरे भारत में धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान मां दुर्गा के नौ रूपों की विधिवत पूजा की जाती है। नवरात्रि की शुरुआत कलश स्थापना से होती है और इसका समापन कन्या पूजन और कन्या भोज के साथ किया जाता है। माना जाता है कि 2 से 10 साल की छोटी कन्याओं में देवी दुर्गा का वास होता है। इसलिए नवरात्रि के अंतिम दिन उन्हें देवी का स्वरूप मानकर उनका पूजन और भोजन कराया जाता है।

हिन्दू ग्रंथों के अनुसार, कन्या पूजन सिर्फ धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं, बल्कि घर में सुख, शांति और समृद्धि लाने का माध्यम भी है। इस दिन कन्याओं को जो भोजन परोसा जाता है, वह सात्विक, शुद्ध और पौष्टिक होना चाहिए, ताकि मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त हो सके।

कन्या पूजन के लिए सही उम्र की कन्याएं

नवरात्रि के आखिरी दिन 2 से 10 साल की कन्याओं को पूजा के लिए आमंत्रित करना सबसे शुभ माना जाता है। इस उम्र की कन्याएं कुमारी शक्ति का प्रतीक मानी जाती हैं। इन्हें पूजकर और भोजन कराकर घर में देवी का वास होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

कन्या भोज में क्या बनाएं?

कन्या पूजन के दिन परोसा गया भोजन पारंपरिक और सात्विक होना चाहिए। ज्योतिषाचार्य के अनुसार, यह कुछ खास व्यंजन कन्या भोज के लिए सबसे शुभ माने जाते हैं:

  • पूड़ी : गेहूं के आटे से बनी गरमागरम पूड़ियां भोजन को पूर्णता देती हैं।
  • काला चना : यह मां दुर्गा का प्रिय भोग माना जाता है और समृद्धि का प्रतीक है।
  • सूजी का हलवा : नवरात्रि के कन्या भोज का सबसे खास और पारंपरिक व्यंजन।
  • मौसमी फल : जैसे केला, सेब, संतरा और अनार।
  • मिठाई : लड्डू या हल्की मिठाइयां कन्याओं को प्रसन्न करने के लिए।
  • सूखे मेवे : बादाम, काजू और किशमिश भोजन की पौष्टिकता बढ़ाते हैं।
  • खीर या दूध : यह भोजन की सात्विकता को और बढ़ाता है तथा इसे शुभ माना जाता है।

भोजन बनाने और परोसने के नियम

भोजन सिर्फ स्वादिष्ट ही नहीं, बल्कि शुद्ध और स्वच्छ होना चाहिए। इसके लिए ये बातें जरूर ध्यान में रखें:

  • साफ-सफाई पर जोर दें : भोजन बनाते समय किचन और बर्तन बिल्कुल स्वच्छ होने चाहिए।
  • गरमागरम भोजन परोसें : यह आदर और सम्मान का प्रतीक माना जाता है।
  • सात्विकता बनाए रखें : भोजन में लहसुन, प्याज या मिर्च-मसालेदार चीजों का प्रयोग न करें।
  • कन्याओं का सम्मान करें : भोजन के बाद कन्याओं को दक्षिणा, वस्त्र या कोई उपयोगी उपहार देकर विदा करें।

कन्या पूजन का महत्व

कन्या पूजन नवरात्रि का सबसे पवित्र और अहम अनुष्ठान है। यह न केवल पूजा को पूर्णता प्रदान करता है, बल्कि मां दुर्गा के आशीर्वाद से घर में धन, सुख और समृद्धि का संचार भी करता है। माना जाता है कि यदि कन्याओं का दिल से सम्मान और सेवा की जाए, तो देवी मां की विशेष कृपा प्राप्त होती है और जीवन में हर प्रकार की बाधाएं दूर हो जाती हैं।